आज हम जानेगे की Adbhut Ras Ki Paribhasha In Hindi, adbhut Ras Ka Udaharan, अद्भुत रस की परिभाषा उदाहरण सहित Adbhut Ras Kise Kehte Hai आपको हम इसमें बताने वाले है.
अब हम जानेंगे की adbhut Ras Kya Hai, adbhut ras ki paribhasha udaharan sahit, Definition Of Adbhut ras In Hindi के बारे में बताने वाले है.
adbhut Ras Ki Paribhasha-
आज हम यंहा पर आपको अद्भुत रस की परिभाषा उदाहरण सहित के बारे में बताने वाले है जो यह पढने के बाद आपको adbhut Ras से जुडी जानकारी समझ जायेंगे.
जब किसी काव्य में असमान्य घटना, कार्य, दृश्य, वस्तु आदि से उत्पन्न आश्चर्य या विस्मय का भाव उत्पन्न होता है वहा पर अद्भुत रस होता है।
अर्तार्थ जहा पर इस रस का स्थायी भाव आश्चर्य होता है.
इसके अंदर रोमांच, आँसू का आना, काँपना, गदगद होना, आँखे फाड़कर देखना आदि के भाव व्यक्त होते हैं।
अद्भुत रस के प्रकार –
- दृष्ट,
- श्रुत,
- अनुमति एवं संकीर्तित
अद्भुत रस के भाव-
स्थायी भाव | आश्चर्य/विस्मय |
आलम्बन विभाव | आश्चर्य उत्पन्न करने वाले पदार्थ या व्यक्ति |
उद्दीपन विभाव | अलौकिक वस्तुओं का दर्शन, श्रवण, कीर्तन इत्यादि |
अनुभाव | दाँतो टेल उँगली दबाना, रोमांच, आँसू आना, काँपना आदि | |
संचारी भाव | उत्सुकता, आवेग, भ्रांति, धृति, हर्ष, मोह आदि | |
अद्भुत रस के 10 उदाहरण सहित- adbhut Ras Ka Udaharan
उदाहरण- 1
देख यशोदा शिशु के मुख में, सकल विश्व की माया
क्षणभर को वह बनी अचेतन, हिल न सकी कोमल काया
उदाहरण- 2
देखरावा मातहि निज अदभुत रूप अखण्ड
रोम रोम प्रति लगे कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड
उदाहरण- 3
ब्रज बछरा निज धाम करि फिरि ब्रज लखि फिरि धाम।
फिरि इत र्लाख फिर उत लखे ठगि बिरंचि तिहि ठाम’।।
उदाहरण- 4
मैं फिर भूल गया इस छोटी सी घटना को
और बात भी क्या थी, याद जिसे रखता मन!
किंतु, एक दिन जब मैं संध्या को आँगन में
टहल रहा था, तब सहसा मैंने जो देखा
उससे हर्ष विमूढ़ हो उठा मैं विस्मय से!
देखा, आँगन के कोने में कई नवागत
छोटी-छोटी छाता ताने खड़े हुए हैं।
उदाहरण- 5
अखिल भुवन चर- अचर सब
हरि मुख में लखि मातु।
चकित भई गद्गद् वचन
विकसित दृग पुलकातु॥ देखी राम जननी अकलानी।
प्रभू हँसि दीन्ह मधुर मुसुकानी।।
उदाहरण- 6
आगे नदियां खरी अपार, घोड़ा कैसे उतरे,
राणा ने सोचा इस पार, तब तक चेतक था उस पार।
उदाहरण- 7
आयु सिता-सित रूप चितैचित,
स्याँम शरीर रगे रँग रातें।
‘केसव’ कॉनन ही न सुनें,
सु कै रस की रसना बिन बातें।।
उदाहरण- 8
दूध-दूध गंगा तू ही अपनी पानी को दूध बना दे
दूध-दूध उफ कोई है तो इन भूखे मुर्दों को जरा दें।
उदाहरण- 9
बिनू पद चलै सुने बिनु काना।
कर बिनु कर्म करै विधि नाना।।
उदाहरण- 10
केशव नहि न जाई का कहिये।
देखत तब रचना विचित्र अति समुझि मन रहिये
उदाहरण- 11
सुत की शोभा को देख मोद में फूली,
कुन्ती क्षण भर को व्यथा-वेदना भूली।
भरकर ममता-पय से निष्पलक नयन को,
वह खड़ी सींचती रही पुत्र के तन को।
उदाहरण- 12
इहाँ उहाँ हुई बालक देखा ।
मति भ्रम मोर कि भान विसरेवा ||
उदाहरण- 13
उदाहरण- 14
लक्ष्मी थी या दुर्गा वह, स्वयं वीरता की अवतार
देख मराठे पुलकित होते,उसकी तलवारों के वार।
उदाहरण- 15
जहँ अनहोने देखिए, बचन रचन अनुरूप।
अद्भुत रस के जानिये, ये विभाव स्रु अनूप।।
बचन कम्प अरु रोम तनु, यह कहिये अनुभाव।
हर्श शक चित मोह पुनि, यह संचारी भाव।।
जेहि ठाँ नृत्य कवित्त में, व्यंग्य आचरज होय।
ताँऊ रस में जानियो, अद्भुत रस है सोय।
उदाहरण- 16
पद पाताल सीस अजयधामा, अपर लोक अंग-अंग विश्राम
भृकुटि बिलास भयंकर काला, नयन दिवाकर कच धन माला।
उदाहरण- 17
भए प्रकट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप विचारी।।
उदाहरण- 18
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निकर्ष-
जैसा की आज हमने आपको Adbhut Ras Ki Paribhasha, अद्भुत रस की परिभाषा उदाहरण सहित के बारे में आपको बताया है.
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