आज हम जानेंगे Bahulak Ki Paribhasha In Hindi | बहुलक की परिभाषा | Bahulak Defination In Hindi | बहुलक का अर्थ | Bahulak Ke Prakar | आपको बताने वाले है.
बहुलक का अर्थ-
बहुलक MODE’ शब्द फ्रेंच शब्द ‘LAMODE’ से लिया गया है। इसका मतलब फैशन या रिवाज या प्रचलन है। इसलिए, बहुलक किसी श्रेणी का वह मूल्य है जो एक समंकमाला में सबसे अधिक बार होता है या उच्चतम आवृत्ति वाला होता है।
‘बहुलांक’ शब्द की उत्पत्ति बहुल +अंक से हुई है, इसका अर्थ है कि समंक श्रेणी में जिस अंक का बहुलता होता है, उसे बहुलांक कहते हैं।
Bahulak Ki Paribhasha-
आज हम जानेंगे की Bahulak Kya Hai | बहुलक किसे कहते है | Definition Of Bahulak In Hindi के बारे में बताने वाले है-
बहुलक में अंकों किसी समूह में जिस अंक की सर्वधिक बार आवृति होती है, वही मूल्य उस समूह का बहुलक होता है। अर्ताथ भी मूल्य किसी समंक श्रेणी में सबसे अधिक बार आता है, उसे बहुलांक या बहुलक कहा जाता है।
बहुलक की परिभाषा विद्वानों द्वारा-
डॉ. बाउले के द्वारा-“किसी सांख्यिकीय समूह में वर्गीकृत मात्रा का वह मूल्य (भूमि, ऊँचाई, या कुछ अन्यमापकीय परिमाण) का जहाँ पंजीकृत संख्याएँ हों, उन्हें बहुलक कहा जाता है।”
क्राक्सटन एवं काउडेन के अनुसार-“बहुलक एक समंक माला का वह मूल्य है जिसके आसपास श्रेणी के अधिक से अधिक पद मूल्य केन्द्रित होते हैं।”
बोडिंगटन-“महत्त्वपूर्ण प्रकार, रूप या पद आकार अथवा सर्वोच्च घनत्व की स्थिति के रूप में बहुलक को परिभाषित किया जा सकता है। “
बहुलक के प्रकार:-
1.वर्गीकृत आंकड़ों का बहुलक-
वर्गीकृत बारंबारता बंटन में बारंबारताओं को देखकर बहुलक ज्ञात कर पाना संभव नहीं होता है। अतः हम कह सकते हैं कि ऐसी परिस्थिति में हम केवल उस वर्ग को ज्ञात कर सकते हैं जिसकी बारंबारता अधिकतम है। इस बार को बहुलक वर्ग कहते हैं।
बहुलक ज्ञात करने का सूत्र-
बहुलक = I + [fi – fo/2f1 – fo – f2 ] x h
- जहां, h – वर्ग अंतराल की माप
- f1 – बहुलक वर्ग की बारंबारता
- fo – बहुलक वर्ग से पूर्व की बारंबारता
- f2- बहुलक वर्ग के बाद आने वाले वर्ग की बारंबारता
- I- बहुलक वर्ग की निम्न सीमा
2.अवर्गीकृत आंकड़ों का बहुलक-
अवर्गीकृत बहुलक में सबसे अधिक आवृत्ति वाले पद को बहुलक कहते हैं दूसरे शब्दों में यह एक पद है जो किसी सांख्यिकी सारणी में सबसे से अधिक बार उपयुक्त हुआ हो।
बहुलक की विशेषताएं :-
- बहुलक को ग्रॉफ द्वारा भी ज्ञात किया जा सकता है।
- बहुलक श्रेणी के सभी पद मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है।
- बहुलक समंकमाला का वह मूल्य सबसे अधिक बार दोहराया जाना है।
- बहुलक ज्ञात करने के लिए, पदों को आरोही या अवरोही क्रम में व्यवस्थित करना आवश्यक है।
- कभी-कभी किसी समंक श्रेणी के पद मूल्यों में एक से अधिक पद मूल्यों की आवृत्तियों की पुनरावृत्ति होती है, ऐसी स्थिति में एक से अधिक बहुल भी हो सकते हैं।
बहुलक के लाभ-
- किसी अंक वितरण में इसकी गणना सबसे अधिक सरल है।
- इसका उपयोग उस स्थिति में बहुत उपयोगी होता है, जबकि केवल सामान्य केंद्रीय प्रवृत्ति को जानना ही हमारा उद्देश्य रहता है।
- बहुलक वितरण का सबसे अधिक संभावित मूल्य तथा सबसे अधिक महत्वपूर्ण मूल्य होता है यह सीमांत अंको को
- महत्व ना देकर केवल सबसे अधिक प्रचलित अथवा लोकप्रिय अंको को महत्व देता है।
- व्यवहारिक जगत में इसका उपयोग सबसे अधिक होता है।
बहुलक के दोष-
- बहुलक का प्रयोग उसी स्थिति में हो सकता है जबकि वितरण की संख्या बहुत अधिक हो।
- इसका गणितीय विवेचन नहीं होता बल्कि व्यवहारिक होता है।
- शुद्ध बहुलक की गणना प्राय: जटिल होती है।
यह भी पढ़े –
Shanku Ki Paribhasha, शंकु की परिभाषा हिंदी में उदाहरण सहित
Purnank Ki Paribhasha, पूर्णांक संख्या की परिभाषा
Sambahu Tribhuj Ki Paribhasha, समबाहु त्रिभुज की परिभाषा हिंदी में.
Belan Ki Paribhasha, बेलन की परिभाषा
निकर्ष-
- जैसा की आज हमने आपको Bahulak Ki Paribhasha, बहुलक की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.
- इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
- यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
- में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
- यदि हमारे द्वारा प्रदान की सुचना और प्रक्रिया से लाभ हुआ होतो हमारे BLOG पर फिर से VISIT करे
4 thoughts on “Bahulak Ki Paribhasha, बहुलक की परिभाषा”