Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha, बहुव्रीहि समास की परिभाषा

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अब हम आपको बहुव्रीहि समास क्या होता है, Bahuvrihi Samas kise kehte hai, Definition Of Bahuvrihi Samas In Hindi, बहुव्रीहि समास का अर्थ, Bahuvrihi Samas Ke udaharan के बारे में बताने वाले है –

Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha-

समास का वह रूप, जिसमें दो पद (प्रथम पद तथा द्वितीय पद) मिलकर तीसरा पद (तृतीय पद) का निर्माण करते है, तब वह तीसरा पद (तृतीय पद) प्रधान होता है, वह ही ‘बहुव्रीहि समास’ कहलाता है।

  • जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर किसी अन्य पद की प्रधानता होती है।
  • बहुव्रीहि समास का विग्रह करने पर ‘वाला है, जो, जिसका, जिसकी, जिसके, वह‘ आदि आते है।
बहुव्रीहि समास की परिभाषा
Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha

बहुव्रीहि समास के प्रकार- बहुव्रीहि समास के भेद

बहुव्रीहि समास पांच प्रकार के होते है, जैसे –

  • समानाधिकरण बहुव्रीहि समास
  • तुल्ययोग बहुव्रीहि समास
  • व्याधिकरण बहुव्रीहि समास
  • प्रादी बहुव्रीहि समास
  • व्यतिहार बहुव्रीहि समास

1) समानाधिकरण बहुव्रीहि समास-

जिस समास में विभक्ति वाले शब्दों का उच्चारण होता है उसे समानाधिकरण बहुव्रीहि समास कहते है।

उदाहरण –

  • मृत्युजंय – मृत्यु को जीतने वाला अर्थात् शंकर
  • त्रिनेत्र – तीन है नेत्र जिसके अर्थात् शिवजी
  • गोपाल – गौ का पालन करता है जोे

2) व्याधिकरण बहुव्रीहि समास-

जिस समास में प्रथम पद और द्वितीय पद दोनों विभक्त होते है। उसे ही व्याधिकरण बहुव्रीहि समास कहते है।

उदाहरण –

  • नकटा – कट गई है नाक जिसकी
  • सूर्यपुत्र – वह जो सूर्य का पुत्र है (कर्ण)
  • शशिधर – शशि को धारण किया है जिसने यानी शिव जी

3) तुल्ययोग बहुव्रीहि समास-

जिस समास में पहला पद ‘सह’ होता है, और सह का अर्थ है साथ होना। इस समास को लिखने में ‘सह’ के स्थान पर केवल ‘स’ का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण –

  • सबल- जो बल के साथ है।
  • सपरिवार – परिवार के साथ है जो
  • सशरीर – शरीर जे साथ है जो

4) व्यतिहार बहुव्रीहि समास-

जिस समास में घात -प्रतिघात सूचक पद हो उसे व्यतिहार बहुव्रीहि समास कहते है।

उदाहरण –

  • बाताबाती – बातों से जो लड़ाई हुई।
  • मुक्कामुक्की – मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई
  • मारामारी – मारने से जो लड़ाई हुई।

5) प्रादी बहुव्रीहि समास

जिस समास जिसमे प्रथम पद/पूर्व पद उपसर्ग होता है, उसे प्रादी बहुव्रीहि समास कहते है,

उदाहरण –

  • बेरहम – नहीं है रहम जिसमें
  • निर्जन – नहीं है जन जहां
  • पंचानन – पाँच हैं आनन अर्थात् ‘शंकर’
Bahuvrihi Samas Ke udaharan

Bahuvrihi Samas Ke udaharan – बहुव्रीहि समास के 20 उदाहरण-

समाससमास-विग्रह
गजाननगज का आनन है जिसका (गणेश)
त्रिनेत्रतीन नेत्र है जिसके (शिव)
नीलकंठनीला है कंठ जिसका (शिव)
लम्बोदरलम्बा है उदर जिसका (गणेश)
पीताम्बरपीले है वस्त्र जिसके (कृष्ण)
चक्रधरचक्र को धारण करने वाला (विष्णु)
वीणापाणीवीणा है जिसके हाथ में (सरस्वती)
पंचाननवह जिसके पाँच आनन है (शिव)
षडाननवह जिसके षट् आनन है (कार्तिकेय)
सुग्रीववह जिसकी ग्रीवा सुन्दर है (वानरराज)
षण्मुखवह जिसके षट् मुख है (कार्तिकेय)
मुरलीधरमुरली धारण करने वाला (कृष्ण)
दशमुखवह जिसके दस मुख है (रावण)
चतुर्मुखचार हैं मुख जिसके (ब्रह्मा)
एकदंतएक दंत वाले (श्री गणेश)
वीणापाणिवह जिसके पाणि (हाथ) में वीणा है (सरस्वती)
वक्रतुण्डवक्र है तुण्ड जिनके (श्री गणेश)
वज्रपाणिवह जिसके पाणि में शूल है (शिव)
जनकतनयाजनक की पुत्री है जो (माँ सीता)
चन्द्रचूङवह जिसके चूङ (सिर) पर चन्द्र है (शिव)
वृषभानुजावृषभानु कि पुत्री है जो माँ राधा
लम्बोदरवह जिसका उदर लम्बा है (गणेश)
अनुचरअनु (पीछे) चर (चलने) वाला (सेवक)
रत्नगर्भारत्न हैं गर्भ में जिसके वह (पृथ्वी)
महाविद्यालयमहान है जो विद्यालय
प्रधानमंत्रीप्रधान है जो मंत्री
रेवतीरमणरेवती के साथ रमण करते है (बलराम)
कुसुमसरकुसुम के समान तीर है जिसके (कामदेव)
पुष्पधन्वापुष्पों से निर्मित धनुष है जिसका वह (कामदेव)
वज्रांगवज्र के समान अंग हैं जिसके वह (बजरंग बली)
वक्रतुण्डवक्र (टेढ़ा) है तुंड (मुख) जिसका वह (गणेश)
हरफनमौलाहर फन (कला) में है जो मौला (निपुण)
त्रिदोषतीन दोष हैं जो वे (वात्त, पित्त, कफ)
षट्पदछह हैं पैर जिसके वह (भ्रमर)
तिरंगातीन है रंग जिसके वह (राष्ट्रीय ध्वज)
माधवमधु, राक्षस को मारने वाला (कृष्ण)
गोपालगायों का पालन करने वाला है वह (कृष्ण)
लोहागढ़लोहे के समान अजेय गढ़ है जो वह (भरतपुर का किला)
नकटानाक है कटी जिसकी वह (बेशर्म)
विमलमल से रहित है जो वह (स्वच्छ)
षाण्मातुरछह हैं माताएँ जिसकी वह
दिनेशदिन है ईश जो वह (सूर्य)
उमेशउमा है ईश जो वह (शिव जी)

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निकर्ष-

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