आज हम जानेगे की Dvigu Samas Ki Paribhasha in Hindi | द्विगु समास की परिभाषा उदहारण सहित | Dvigu Samas Ke Prakar, Dvigu Samas Ke Udaharan इसी प्रकार की परिभाषा आपको प्रदान करते है.
अब हम आपको द्विगु समास किसे कहते है, Dvigu Samas Kya Hota Hai, Definition Of Dvigu Samas In Hindi, द्विगु समास का अर्थ बताने वाले है –
Dvigu Samas Ki Paribhasha-
जिस वाक्य के प्रथम पद में संख्यावाचक होता है एवं द्वितीय पद या समस्त पद किसी समूह या समाहार का बोध करवाता है, तो उसे द्विगु समास कहते हैं.
इस समास का द्वितीय पद प्रधान होता है किन्तु प्रथम पद संख्या का बोध कराने वाला होता है.
द्विगु समास की परिभाषा संस्कृत में –
इस समास का पूर्व पद संख्यावाची हो तो उस द्विगु समास कहते हैं।
यह समास सामान्यत: (समहू ) अर्थ में होता है।
इसके विग्रह में प्रायेण षष्ठी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है। इसमें समस्त पद सामान्यतया नपुंसकलिंग और एक वचन होता है.
द्विगु समास के प्रकार-
- समाहार द्विगु समास
- उत्तरपद प्रधान द्विगु समास
(1) समाहार द्विगु समास-
समाहार शब्द का अर्थ होता है समुदाय, इकट्ठा होना और समेटना। इसी समाहार को द्विगु समास कहते है।
समाहार द्विगु समास के उदाहरण :-
- तीन भुवनो का समाहार = त्रिभुवन
- पांचों वेटो का समाहार = पंचवटी
- तीन लोकों का समाहार = त्रिलोक
2) उत्तरपद प्रधान द्विगु समास-
इस समास में वाक्य के उत्तरपद पर जोर दिया जाता है।
उत्तरपद प्रधान द्विगु समास के उदाहरण :-
- पांच प्रमाण = पंचप्रमाण
- दो सुतों के मेल का =दुसुति
- पांच हत्थड = पंचहत्थड
- दो माँ का = दुमाता
द्विगु समास के 10 उदाहरण- Dvigu Samas Ke Udaharan –
- त्रिवेणी – तीन वेणियों का समूह
- सप्तर्षि – सात ऋषियों का समूह
- नौ गाँव – नौ गाँवों का समूह
- हटवाड़ा – आठ वारों का समूह
- त्रिपिटिक – तीन पिटकों का समूह
ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि सभी शब्दों में पूर्वपद एक संख्यावाचक विशेषण है एवं समस्तपद किसी समूह य समाहार का बोध करा रहा है।
- चौघड़ा – चार घड़ों का समूह
- छदाम – छह दामों का समूह
- सतनजा – सात अनाजों का समूह
- त्रिवेणी – तीन वेणियों (धाराओं ) का समूह
- सप्तर्षि – सात ऋषियों का समूह
- चारपाई : चार पैरों का समूह
- चतुर्मुख : चार मुखों का समाहार
- नवरत्न : नव रत्नों का समाहार
- सतसई : सात सौ दोहों का समाहार
- त्रिभुवन : तीन भुवनों का समाहार
- दोराहा : दो राहों का समाहार
- दोपहर : दो पहरों का समाहार
- शताब्दी : सौ सालों का समूह
- पंचतंत्र : पांच तंत्रों का समाहार
- सप्ताह : सात दिनों का समूह
- चतुष्पदी – चार पदों का समूह
- त्रिवेदी – तीन वेदों का समूह
- दुअन्नी – दो आनों का समूह
- चतुर्वेदी – चार वेदों का समूह
- चौराहा : चार राहों का समूह
- त्रिकोण : तीन कोणों का समूह
- तिरंगा : तीन रंगों का समूह
- त्रिफला : तीन फलों का समूह
- चौपड़ – चार फड़ों का समूह
- दोआब – दो नदियों का समूह
- पंजाब – पाँच नदियों का समूह
- त्रिशूल – तीन शूलों का समूह
- चारपाई – चार पैरों का समूह
- सहस्त्राब्दी – सहस्त्र अब्दों का समूह
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निकर्ष-
जैसा की आज हमने आपको आज हम जानेगे की द्विगु समास की परिभाषा उदहारण सहित Dvigu Samas Examples In Hindi के बारे में आपको बताया है.
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