Likhit Bhasha Ki Paribhasha, लिखित भाषा की परिभाषा

आज हम जानेंगे Likhit Bhasha Ki Paribhasha | लिखित भाषा की परिभाषा | Likhit Bhasha In Hindi |  लिखित भाषा का अर्थ | Likhit Bhasha Ke Udaharan के बारे में आपको बताने वाले है.

likhit Bhasha Ki Paribhasha-

आज हम जानेंगे की likhit Bhasha Kya Hai | likhit Bhasha Kise Kehte Hai | likhit Bhasha Definition In Hindi के बारे में बताने वाले है.

जब कोई व्यक्ति पत्र, समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, कहानियाँ, लेख, संस्मरण, कंप्यूटर पर काम करना, ईमेल, एसएमएस आदि लिखकर अपने विचार व्यक्त करता है।
यदि एक व्यक्ति इसे लिखकर व्यक्त करता है और दूसरा इसे पढ़कर समझता है, तो भाषा के इस रूप को लिखित भाषा कहा जाता है।

लिखित भाषा की परिभाषा

भाषा के इस रूप में एक व्यक्ति अपनी भावनाओं, इच्छाओं, मनोदशा, स्थिति, स्थिति और विचारों को लिखकर दूसरे व्यक्ति के सामने व्यक्त करता है और लिखने की प्रक्रिया को लिपि कहा जाता है।

लिपि ही वह साधन है जिसके द्वारा व्यक्ति अपनी मनोदशा को कागज पर लिख सकता है।
लिपि की सहायता से व्यक्ति अपनी भावनाओं को लिखता है। पढ़ने के माध्यम से पाठक लिखने वाले की स्थिति और मनःस्थिति को समझता है।

likhit Bhasha Ke Udaharan

लिखित भाषा का अर्थ- लिखित भाषा की परिभाषा

लेखन शब्द के अंतर्गत सुडौल एवं अच्छे वर्णों में लिखना सम्मिलित है। भाषा के इस लिखित रूप की शिक्षा, प्रतीकों की पहचान कर उन्हें बनाने की क्रिया अथवा ध्वनि को लिपिबद्ध करना लिखना है।

लिखित भाषा के उदाहरण- likhit Bhasha Ke Udaharan

लिखित भाषा के उदाहरण युगों पूर्व हुए विद्वानों और महापुरुषों के विचारों को लिखित रूप में पुस्तकों में आज भी पढ़कर जाना जा सकता है. वेद, पुराण, गीता, रामायण, महाभारत आदि इसके प्रमाण हैं.

लिखित भाषा की परिभाषा
  • समाचार-पत्र,
  • पत्रिकाएँ,
  • कहानी,
  • लेख,
  • संस्मरण,
  • जर्नल,
  • निबंध
  • ई-मेल,
  • एस० एम० एस०
  • ब्लॉग,
  • स्क्रिप्ट,
likhit Bhasha Ki Paribhasha

लिखित भाषा का महत्व – likhit bhasha ke mahatva

  • किसी भी भाषा या विषय पर पूर्ण महारत हासिल करने के लिए लिखित भाषा का अच्छा ज्ञान आवश्यक है।
  • लेखन के बिना विचारों को ग्रहण करना और उन्हें भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना संभव नहीं है।
  • विचारों और भावनाओं को आकार देने और उन्हें दूसरों तक पहुँचाने के लिए लिखित भाषा आवश्यक है। उदाहरण के लिए, पत्र, लेख या पुस्तक लिखकर दूसरों तक विचार पहुंचाना।
  • लिखित भाषा के माध्यम से हम अपने शोध, विचार, जानकारी आदि रख सकते हैं। ये लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं और हम इन्हें अपनी इच्छानुसार सही तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • लिखित भाषा प्रामाणिक होती है, इसका प्रयोग साक्ष्य के रूप में कहीं भी किया जा सकता है।
  • भाषा का लिखित रूप विभिन्न युगों की बदलती परिस्थितियों, विचारधाराओं और गतिविधियों से परिचित होने में उपयोगी होता है।
  • वक्ता की अनुपस्थिति में विचारों को संप्रेषित करने के लिए भाषा के लिखित रूप का ही प्रयोग किया जाता है।
  • भाषा में संशोधन, परिवर्तन, एकरूपता एवं स्थिरता की संभावना लेखन से ही संभव है।
  • लिखते समय दिमाग और उंगलियां एक साथ काम करती हैं और नियमित अभ्यास से दोनों मजबूत हो जाते हैं।
  • लेखन के बिना साहित्य का विकास संभव नहीं है.

लिखित भाषा के उद्देश्य –

  • लिखित भाषा का मुख्य उद्देश्य स्वीकृत अथवा जनित विचारों को व्यक्त करना है।
  • लिखित भाषा के माध्यम से साहित्य को बढ़ावा देना।
  • किसी व्यक्ति के भाषण का सारांश लिखने, किसी व्यक्ति के भाषण के नोट्स लिखने आदि की क्षमता विकसित करें।
  • अर्जित विचारों और ज्ञान को लिखित रूप में दूसरों तक पहुंचाएं।
  • छात्रों को लिखित कार्यों के विभिन्न तत्वों और विषयों से परिचित कराना।
  • सभी प्रकार के पत्र लिखने में सक्षम हों, उदाहरण के लिए: व्यक्तिगत पत्र, आवेदन पत्र, निमंत्रण पत्र, बधाई पत्र, विदाई पत्र, व्यावसायिक पत्र और संपादक को पत्र आदि।
  • पढ़ी गई कहानियों, नाटकों, लघु उपन्यासों, निबंधों, जीवनियों आदि का सारांश लिखने के कौशल का विकास।
  • भाषा पर पूर्ण अधिकार रखने के उद्देश्य से पढ़ना के साथ-साथ लिखना भी सिखाएं।
  • परीक्षण करें कि बच्चे किस हद तक व्याकरण के नियमों का पालन करते हैं।
  • अर्जित ज्ञान को लिखित रूप में व्यवस्थित और पर्याप्त रूप से व्यक्त करना सिखाएं।

यह भी पढ़े –

Sanketik Bhasha Ki Paribhasha, सांकेतिक भाषा की परिभाषा

Bhasha Ki Paribhasha, भाषा की परिभाषा

Maukhik Bhasha Ki Paribhasha, मौखिक भाषा की परिभाषा

Shiksha Ki Paribhasha, शिक्षा की परिभाषा

निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको likhit Bhasha Ki Paribhasha | लिखित भाषा की परिभाषा | likhit Bhasha Ke Udaharan जानकारी के बारे में आपको बताया है.
  • इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
  • यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
  • में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
  • यदि हमारे द्वारा प्रदान की सुचना और प्रक्रिया से लाभ हुआ होतो हमारे BLOG पर फिर से VISIT करे.

4 thoughts on “Likhit Bhasha Ki Paribhasha, लिखित भाषा की परिभाषा”

Leave a Comment