Manav Bhugol Ki Paribhasha, मानव भूगोल की परिभाषा

आज हम जानेगे की manav Bhugol Ki Paribhasha, मानव भूगोल की परिभाषा और इसके प्रकार क्या है और इससे से जुडी जानकारी हिंदी में आपको देने वाले है.

Manav Bhugol Ki Paribhasha-

मानव भूगोल मनुष्य का उसकी वर्तमान परिस्थिति से सम्बन्ध आदि से लेकर अभी तक पर विचार किया जाता है।
जिसके अन्तर्गत मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के साथ सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता हैं। अगर सरल शब्दों में कहे तो मानव एवं उसका प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन ही मानव भूगोल कहा जाता है.

Manav Bhugol Ki Paribhasha

मानव भूगोल की परिभाषा विद्वानों द्वारा-

मानव भूगोल के बारे में रेटजेल के द्वारा – मानव भूगोल के दृश्य सर्वत्र पर्यावरण से संबंधित होता है जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग होता है

लेबान के द्वारा मानव भूगोल को – मानव भूगोल एक विस्तृत स्वरूप वाला भूगोल है अर्थात् जिसके अन्तर्गत मानव और उसके वातावरण के बीच के सम्बन्धों के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली सामान्य समस्या का स्पष्टीकरण किया जाता है।

एलटी के मत के अनुसार -मानव भूगोल मानवीय क्रियाकलापों तथा मानवीय गुणों के भौगोलिक वातावरण से संबंधित की प्रक्रिया एवं उसके वितरण का अध्ययन है

रो. मैक्स मोर के द्वारा इसकी परिभाषा“मानव भूगोल का सर्वोपरि कार्य उस मनुष्य का अध्ययन है जो सक्रिय एवं जीवन्त तत्व के रूप में अपने अस्तित्व की दशाओं को सुनिश्चित करता है और प्राकृतिक वातावरण से उपलब्ध उद्दीपनों से प्रतिक्रियात्मक सम्बन्ध स्थापित करता है।

मानव भूगोल के बारे में एलन सैंपल के अनुसार- मानव भूगोल चंचल मानव और अस्थाई धरती के पारस्परिक परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है

प्रो. जीन ब्रून्श के द्वारा मानव भूगोल की परिभाषा- मानव भूगोल उन सभी तथ्यों का अध्ययन है जो मानव के क्रिया-कलापों से प्रभावित हैं और जो हमारी पृथ्वी के धरातल पर घटित होने वाली घटनाओं में से छाँटकर एक विशेष श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

पाँल विडाल-डी-ला ब्लाश के अनुसार – हमारी पृथ्वी को नियंत्रित करने वाले भौतिक नियमों का इस पर रहने वाले जीवो के मध्य संबंधों के अधिक संश्लेषित ज्ञान से उत्पन्न संकल्पना।” मानव भूगोल पृथ्वी और मनुष्य की बीच अंतर्सबंधों की एक नई संकल्पना प्रस्तुत करता है।

मानव भूगोल के जनक-

मानव भूगोल के जनक को कार्ल रिटर जनक कहा जाता है। इन्ही के द्वारा शुरुआती समय में मानव भूगोल के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसके कारण उन्हें मानव भूगोल का जनक भी कहा जाता है।

मानव भूगोल का इतिहास-

मानव भूगोल के विकास का आरम्भ 19 वी शताब्दी में हुआ। इस शताब्दी में अनेक भूगोलवेत्ताओं का जन्म हुआ था। प्रसिद्ध जीव वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने अपनी पुस्तक ‘प्रजातियों की उत्पत्ति’ में जीवों की उत्पत्ति एवं वातावरण से अनुकूलन की स्पष्ट व्याख्या की है।

मानव भूगोल की शाखाएँ-

अब तक हमने आपको मानव भूगोल के बारे में बताया है अब हम आपको मानव भूगोल की शाखाओ के बारे में बताने वाले है जो की मानव भूगोल न केवल मानव और उसके वातावरण के आर्थिक एवं भौतिक सम्बन्धों का ही अध्ययन किया जाता है अपितु भूगोल से जुडी दूसरी शाखाओं जैसे आर्थिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल, प्रजातीय भूगोल एवं ऐतिहासिक भूगोल आदि का भी अध्ययन किया जाता है।

मानव भूगोल की परिभाषा
  • आर्थिक भूगोल
  • सामाजिक भूगोल
  • राजनीतिक भूगोल
  • ऐतिहासिक भूगोल
  • जनसंख्या भूगोल
  • सांस्कृतिक भूगोल
  • चिकित्सा भूगोल
  • सामरिक भूगोल
  • प्रजातीय भूगोल

मानव भूगोल का विषय क्षेत्र-

मानव भूगोल की परिभाषा

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निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको Manav Bhugol Ki Paribhasha, मानव भूगोल की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.
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