आज हम जानेंगे Maukhik Bhasha Ki Paribhasha | मौखिक भाषा की परिभाषा | Maukhik Bhasha In Hindi | मौखिक भाषा का अर्थ | Maukhik Bhasha Ke Udaharan के बारे में आपको बताने वाले है.
Maukhik Bhasha Ki Paribhasha-
आज हम जानेंगे की Maukhik Bhasha Kya Hai | Maukhik Bhasha Kise Kehte Hai | Maukhik Bhasha Definition In Hindi के बारे में बताने वाले है.
मौखिक भाषा वह भाषा है जिसमें व्यक्ति अपने विचारों एवं भावनाओं को अपने मुख के माध्यम से व्यक्त करता है। मुख से बोली जाने वाली हर बात मौखिक भाषा कहलाती है।
मनुष्य अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।
Maukhik Bhasha Ke Udaharan –
- जैसे आप अपने मम्मी को बोल रहे हो – “मम्मी यहॉँ बैठिये।”
- जैसे मम्मी आपको बोल रहे है – “बेटी यहॉँ बैठो।”
- कहानी सुनना
- बातचीत करना
- मोबाइल फ़ोन
- वार्तालाप
- रेडियो
- भाषण
मौखिक भाषा की परिभाषा विद्वानों द्वारा-
प्रो.रमण बिहारीलाल के अनुसार मौखिक भाषा – मानव अपने ह्रदय के भावों को प्रकट करने के लिए जिस ध्वन्यात्मक संकेत साधन का प्रयोग करता है, उसे उसकी मौखिक भाषा कहते हैं.
maukhik bhasha ka mahatva –
- मनुष्य अपनी भावनाओं को वाणी के माध्यम से व्यक्त करता है, इसके बिना मनुष्य पशु के समान है।
- लिखित भाषा की तुलना में मौखिक भाषा को आसानी से और जल्दी समझा जा सकता है।
- पढ़ने के लिए व्यक्ति को पहले अक्षरों का ज्ञान प्राप्त करना होता है, फिर उनके उच्चारण का अभ्यास करना होता है और अंत में उन्हें मिलाकर पढ़ना होता है।
- मौखिक भाषा में आपको बस दूसरों की नकल करनी होती है।
- सबसे पहले बच्चा मौखिक भाषा ही सीखता है। अपनी अभिव्यक्ति का विकास करना स्वाभाविक और आसान है।
- मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी, एक बच्चा ज्यादातर चीजें नकल के माध्यम से सीखता है और मौखिक भाषा में नकल हावी होती है।
- व्यावहारिक जीवन में लिखित भाषा का उतना प्रयोग नहीं होता जितना मौखिक भाषा का।
- कई बातें लिखित भाषा से उतनी स्पष्टता से नहीं समझाई जा सकतीं, जितनी मौखिक भाषा से समझाई जा सकती हैं।
- मौखिक भाषा के माध्यम से व्यक्तियों के बीच संबंधों को तेजी से मजबूत किया जा सकता है।
- एक सामाजिक प्राणी होने के नाते मनुष्य दूसरों के सुख में प्रसन्न होता है और दुःखी को सांत्वना देता है।
- इस प्रकार मौखिक भाषा के माध्यम से एक-दूसरे के विचारों को व्यक्त करके सामाजिक रिश्तों को मजबूत किया जा सकता है।
मौखिक भाषा का उद्देश्य-
- बच्चों में प्राकृतिक, शुद्ध, तरल और प्रभावी तरीके से बातचीत करने की क्षमता विकसित करें, ताकि वे अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने आसानी से व्यक्त कर सकें।
- विद्यार्थियों में क्रमबद्ध एवं लगातार बोलने की क्षमता का विकास करें।
- विद्यार्थियों में मधुर एवं रोचक भाषण देने की शक्ति का विकास करें।
- शिक्षकों में झिझक की भावना और विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की कमी को दूर करें।
- भावनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से उत्तेजित भावनाओं को शांत करके समाज में शांति और संतुलन बनाए रखें।
- स्व-विज्ञापन- स्व-प्रकाशन के माध्यम से व्यक्ति स्वयं का विज्ञापन करता है, कभी-कभी झूठ का सहारा लेकर अपने बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताता है। आत्म-संतुष्टि आत्म-प्रचार का परिणाम है।
- व्यक्तिगत शक्तियों का विकास: ऐसा व्यक्ति जो निडर होकर अपने गुणों या विचारों को प्रकट कर सकता है, जो वाणी के माध्यम से अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने व्यक्त कर सकता है और उन्हें अपने नियंत्रण में रख सकता है। श्रोता इतना प्रभावित होता है कि तुरंत उनके पास आ जाता है.
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निकर्ष-
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