आज हम जानेगे की Mudra Ki Paribhasha, मुद्रा की परिभाषा क्या है और समुदाय से जुडी हुयी जानकारी हिंदी में और इसी प्रकार की परिभाषा देखने के लिए आप हमे फॉलो कर ले.
Mudra Ki Paribhasha, मुद्रा की परिभाषा –
मुद्रा शब्द का प्रयोग मुहर या चिह्न के अर्थ में भी किया जाता है। यही कारण है कि जिस वस्तु पर सरकारी चिह्न या मुहर लगायी जाती थी, उसे मुद्रा कहा जाता था।
मुद्रा शब्द अंग्रेजी के शब्द ‘Money’ का हिंदी रूपांतरण है Money को लैटिन भाषा के Moneta शब्द से लिया गया है।
मुद्रा का तात्पर्य ऐसी वस्तु जिसे विनिमय के माध्यम, मूल्य के माप, क्रय शक्ति के संचय तथा भावी भुगतानों के मान के रूप में सभी व्यक्तियों द्वारा स्वतंत्र, विस्तृत एवं सामान्य रूप से बिना किसी संदेह के स्वीकार किया जाता हैमुद्रा (mudra) कहलाती है।
मुद्रा की परिभाषा विद्वानों द्वारा –
प्रो.कीन्स के द्वारा-’’मुद्रा वह वस्तु है जिसके द्वारा ऋण संविदा एवं मूल्य संविदा का भुगतान किया जाता है एवं जिसके रूप में सामान्य किया जाता है।
प्रो माशर्ल के द्वारा -’’मुद्रा के अन्तर्गत ये समस्त वस्तएुं सम्मिलित की जाती है जो किसी समय अथवा किसी स्थान में बिना सदेंह या विशेष जांच पडत़ाल के वस्तुओं तथा सेवाओं के खरीदने और खर्च चुकाने के साथ के रूप में सामान्य प्रचलित रहती है।’’
प्रो पीगु के द्वारा -’’वह वस्तु जिसको विस्तृत क्षत्रे में विनिमय माध्यम के रूप में सामान्य स्वीकृत प्राप्त हो और अधिकांश लागे उसे वस्तुओं की सेवाओं के भुगतान के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार है उसे मुद्रा कहते है।
वाकर के द्वारा– ‘‘मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करे।”
कॉलबोर्न के द्वारा– ‘‘मुद्रा वह है जो मुल्य का मापक और भुगतान का साधन हो।
रार्बटसन के द्वारा -’’मुद्रा वह वस्तु है जिसे विस्तृत क्षत्रे में दायित्वों के भुगतान के रूप में स्वीकार किया जाता है।’’
सेलिगमैन के द्वारा -’’मुद्रा वह वस्तु है जिसे सामान्य स्वीकृत प्राप्त है।’’
मुद्रा के कार्य-
मुद्रा क्या है ये जानने के बाद यदि हम मुद्रा के कार्यों की बात करे, तो इसके दो मुख्य कार्य है-
1-मुद्रा के प्राथमिक कार्य
- विनिमय का माध्यम
- मूल्य का मापक
2-गौण कार्य
- स्थगित भुगतानों का मान
- मूल्य का संचय –
- मूल्य का हस्तांतरण –
3-आकस्मिक कार्य
- अधिकतम सन्तुष्टि –
- राष्ट्रीय आय का वितरण –
- पूंजी की तरलता में वृद्धि –
- शोधन क्षमता की गारन्टी
मुद्रा के प्रकार-
मुद्रा के कई प्रकार है. यदि मुद्रा के वर्गीकरण के बारे बात की जाये तो इसे हम निम्न प्रकार से वर्गीकृत कर सकते है-
- वास्तविक मुद्रा एवं लेखे की मुद्रा
- पूर्ण एवं प्रतिनिधि मुद्रा
- विधि-ग्राह्य मुद्रा एवं ऐच्छिक मुद्रा
- धातु मुद्रा एवं पत्र-मुद्रा
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निकर्ष-
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