Prathmik Shiksha Ki Paribhasha, प्राथमिक शिक्षा की परिभाषा

आज हम आपको prathmik Shiksha Ki Paribhasha, प्राथमिक शिक्षा की परिभाषा | प्राथमिक शिक्षा का अर्थ | प्राथमिक शिक्षा के उद्देश्य के बारे में बताने वाले है.

आज हम जानेंगे की prathmik Shiksha kya hai | प्राथमिक शिक्षा किसे कहते है | definition of prathmik shiksha in hindi के बारे में बताने वाले है.

prathmik Shiksha Ki Paribhasha-

प्राथमिक शिक्षा में कक्षा 1 से 5 तक की स्कूली शिक्षा प्राथमिक शिक्षा है। स्नातक स्तर की पढ़ाई से पहले प्रदान की जाने वाली शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा कहा जाता है।

प्राथमिक शिक्षा को बुनियादी शिक्षा भी कहा जाता है क्योंकि यह बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा होती है। बच्चा पढ़ना, लिखना और गणना करना अर्थात जोड़ना और घटाना प्राथमिक शिक्षा में ही सीखता है।

प्राथमिक शिक्षा की परिभाषा-

प्राथमिक शिक्षा

शिक्षा का पहला स्तर प्राथमिक शिक्षा है, जो 6 से 11 वर्ष की आयु के लड़के और लड़कियों को पढ़ाई जाती है। इसमें पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं शामिल हैं।

prathmik Shiksha Ki Paribhasha
prathmik Shiksha Ki Paribhasha

प्राथमिक शिक्षा का अर्थ –

प्राथमिक शब्द का सामान्य अर्थ है – प्रारम्भिक, मुख्य तथा आधारभूत। इस प्रकार प्राथमिक शिक्षा से तात्पर्य प्रारम्भिक अथवा आधारभूत शिक्षा से है। प्राथमिक शिक्षा, जो प्रारम्भिक स्तर पर सम्पन्न होती है, सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था का आधार होती है।

prathmik Shiksha Ki Paribhasha

प्राथमिक शिक्षा के उद्देशय-

  • छात्रों को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास जैसे व्यापक विकास प्रदान करें।
  • छात्रों में देशभक्ति और संस्कृति के प्रति प्रेम पैदा करें।
  • विद्यार्थियों में अनुशासन की भावना विकसित करें।
  • विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रुचि एवं एकाग्रता उत्पन्न करें।
  • छात्रों को मौलिक आधार पर व्यावहारिक ज्ञान सिखाएं।
  • विद्यार्थियों में भाईचारे की भावना विकसित करें।
  • बच्चों में उनकी मातृभाषा (क्षेत्रीय भाषा) और उनके प्राकृतिक और सामाजिक परिवेश के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • बच्चों में स्वास्थ्य नियमों के बारे में जागरूकता बढ़ाएँ और उन्हें स्वस्थ गतिविधियों में प्रशिक्षण प्रदान करें।
  • बच्चों में सामूहिकता की भावना विकसित करें और उन्हें छुआछूत, जाति व्यवस्था और सांप्रदायिकता का विरोध करना सिखाएं।
  • बच्चों में सहनशीलता विकसित करें और उन्हें त्योहारों, लोक गीतों, लोक नृत्यों आदि जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • बच्चों में सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक, राजनीतिक एवं राष्ट्रीय मूल्यों का विकास करना तथा उनमें नैतिकता एवं चरित्र का विकास करना।
  • बच्चों को शारीरिक श्रम के अवसर प्रदान करें तथा उनमें शारीरिक श्रम के प्रति सम्मान पैदा करें तथा उनकी रचनात्मक शक्ति का विकास करें।
  • पर्यावरण प्रदूषण के बारे में बच्चों में जागरूकता बढ़ाएँ और उनमें वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करें।

प्राथमिक शिक्षा की समस्याएँ –

स्वतंत्र भारत में प्राथमिक शिक्षा के मार्ग में अनेक समस्याएँ एवं बाधाएँ हैं और ये बाधाएँ शहरी, ग्रामीण, बालक एवं बालिकाओं से भी संबंधित हैं।

प्राथमिक शिक्षा को अवरुद्ध करने में पारिवारिक आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय नीति, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र तथा लिंग आदि की भूमिका महत्वपूर्ण है।

  • दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम एवं शिक्षण विधियाँ आदि।
  • शिक्षा के प्रति जागरूकता का अभाव.
  • गरीबी।
  • पर्दा प्रथा, बाल विवाह आदि।
  • योग्य एवं प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव।
  • वित्तीय एवं संसाधन समस्याएँ.
  • विद्यालयों की दूरी एवं असमान वितरण।
  • जाति और वर्ग भेदभाव.
  • घर के कामों में शामिल होना.
  • लैंगिक भेदभाव।
  • प्राथमिक शिक्षा को गंभीरता से नहीं लेना।
  • सहशिक्षा के प्रति पर्याप्त दृष्टिकोण का अभाव।
  • मध्य समस्या.
  • राजनीतिक कारक.
  • भौगोलिक विषमताएँ.
  • बर्बादी और रुकावट.

यह भी पढ़े –

शिक्षा की परिभाषानैतिक शिक्षा का परिभाषा
समावेशी शिक्षा की परिभाषाबुनियादी शिक्षा की परिभाषा
शारीरिक शिक्षा की परिभाषाशिक्षा मनोविज्ञान की परिभाषा

निकर्ष-

जैसा की आज हमने आपको prathmik Shiksha Ki Paribhasha, प्राथमिक शिक्षा की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.

इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.

यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.

में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.

यदि हमारे द्वारा प्रदान की सुचना और प्रक्रिया से लाभ हुआ होतो हमारे BLOG पर फिर से VISIT करे.