Samajik Vigyan Ki Paribhasha, सामाजिक विज्ञान की परिभाषा PDF

आज हम जानेंगे Samajik Vigyan Ki Paribhasha In Hindi, सामाजिक विज्ञान की परिभाषा, सामाजिक विज्ञान का अर्थ, सामाजिक विज्ञान की शाखाएं के बारे में आपको बताने वाले है.

अब हम जानेंगे की सामाजिक विज्ञान क्या है, सामाजिक विज्ञान किसे कहते है, Definition Of samajik Vigyan In Hindi, सामाजिक विज्ञान की विशेषताएं के बारे में बताने वाले है.

samajik Vigyan Ki paribhasha-

सामाजिक विज्ञान का एक अनुशासन या शाखा है जो मानव व्यवहार के सामाजिक-सांस्कृतिक पहलुओं से संबंधित है।

समाज में मानव के एक समूह में साथ रहने के परिणामस्वरूप वे एक-दूसरे के साथ सामाजिक चेतना, सामाजिक विकास तथा सामाजिक समस्याओं के बारे में किस प्रकार का व्यवहार करते हैं जिसमे इस तथ्य का अध्ययन किया जाता है उसे सामाजिक विज्ञान कहते है.

सामाजिक विज्ञान में आम तौर पर सांस्कृतिक नरविज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, अपराध विज्ञान और सामाजिक मनोविज्ञान शामिल हैं।

Samajik Vigyan Ki Paribhasha
Samajik Vigyan Ki Paribhasha

सामाजिक विज्ञान की परिभाषा विद्वानों द्वारा-

मेकपिलन मॉडर्न डिक्शनरी के अनुसार-“यह विज्ञान समाज के विकास एवं उसकी संरचना का अध्ययन करता है।”

न्यू सेन्चुरी डिक्शनरी ने बताया है की – “सामाजिक विज्ञान उन विज्ञानों का समूह है, जो मानव की परिस्थिति, अस्तित्व तथा समुदाय में उसके स्थान की विवेचना करता है।”

एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के शब्दों में – “सामाजिक विज्ञान, सामाजिक मानव व्यवहार का एक सुव्यवस्थित खोजपूर्ण अध्ययन है।”

पीटर लुइस के द्वारा- “सामाजिक विज्ञान उन नियमों से संबंध रखते हैं जो मनुष्य के समाज तथा सामाजिक विकास को संचालित करते हैं।”

एन.के. मेकेन्जीन के अनुसार- “सामाजिक विज्ञान में वह समस्त शैक्षणिक आयाम हैं जो मनुष्य तथा उसके सामाजिक परिवेश से जुड़े हैं। इसमें मानव समूह की बनावट एवं गुणों का अध्ययन करते हैं, एकाकी व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों और उनके वातावरण के साथ किस तरह का व्यवहार करता है।’

वेब्स्टर थर्ड न्यू इण्टरनेशनल डिक्शनरी ने बताया है की – “सामाजिक विज्ञान ज्ञान जगत की वह शाखा है जो मानव समाज के कार्य एवं उससे संबंधित संस्थाओं तथा मानवीय संबंधों की व्याख्या करता है।”

चार्ल्स ए. वीयर्ड के अनुसार- “सामाजिक विज्ञान मानवीय क्रिया-कलापों का अध्ययन करता है। यह मानव समाज का विकास एवं उसके सामूहिक विचार द्वारा मानवीय ज्ञान कैसे प्राप्त किया जाता है, इसका भी अध्ययन करता है।”

एन.के. मेकेन्जीन के अनुसार- “सामाजिक विज्ञान में वह समस्त शैक्षणिक आयाम हैं जो मनुष्य तथा उसके सामाजिक परिवेश से जुड़े हैं। इसमें मानव समूह की बनावट एवं गुणों का अध्ययन करते हैं, एकाकी व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों और उनके वातावरण के साथ किस तरह का व्यवहार करता है।’

मेकपिलन मॉडर्न डिक्शनरी ने कहा है -“यह विज्ञान समाज के विकास एवं उसकी संरचना का अध्ययन करता है।”

वेब्स्टर थर्ड न्यू इण्टरनेशनल डिक्शनरी के द्वारा- “सामाजिक विज्ञान ज्ञान जगत की वह शाखा है जो मानव समाज के कार्य एवं उससे संबंधित संस्थाओं तथा मानवीय संबंधों की व्याख्या करता है।”

चार्ल्स ए. वीयर्ड के शब्दों में – “सामाजिक विज्ञान मानवीय क्रिया-कलापों का अध्ययन करता है। यह मानव समाज का विकास एवं उसके सामूहिक विचार द्वारा मानवीय ज्ञान कैसे प्राप्त किया जाता है, इसका भी अध्ययन करता है।”

एनसाइक्लोपीडिया ऑफ एजूकेशन रिसर्च के अनुसार- “सामाजिक विज्ञान विधिवत् सामग्रियों का वह समूह है जो मानव के मानवीय संबंधों से संबंध रखती हैं।”

न्यू सेन्चुरी डिक्शनरी के द्वारा- “सामाजिक विज्ञान उन विज्ञानों का समूह है, जो मानव की परिस्थिति, अस्तित्व तथा समुदाय में उसके स्थान की विवेचना करता है।”

पीटर लुइस के अनुसार- “सामाजिक विज्ञान उन नियमों से संबंध रखते हैं जो मनुष्य के समाज तथा सामाजिक विकास को संचालित करते हैं।”

Samajik Vigyan Ki Paribhasha

सामाजिक विज्ञान की प्रकृति:-

  • विभिन्न विषयों का अनूठा संयोजन।
  • इसका उद्देश्य शिक्षार्थी को स्वस्थ सामाजिक जीवन के लिए तैयार करना है।
  • यह मुख्य पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • मानवीय रिश्तों का अध्ययन.
  • अध्ययन का यथार्थवादी पाठ्यक्रम.
  • इसमें कार्रवाई के प्रति प्रतिबद्धता शामिल है।
  • युगों-युगों से मनुष्य के विकास का अध्ययन।

सामाजिक विज्ञान की विशेषतायें :

  • सामाजिक विज्ञान में मनुष्यों के सामाजिक तथ्यों का अध्ययन है।
  • सामाजिक विज्ञान में मनुष्य के बहुआयामी क्रिया-कलापों का अध्ययन किया जाता है।
  • ज्ञान जगत में सामाजिक विज्ञान एक नवीन आयाम है।
  • मनुष्य का अध्ययन समाज की एक इकाई के रूप में किया जाता है अर्थात केवल उन्हीं मनुष्यों की गतिविधियों का अध्ययन होता है, जो समाज के अंग है।

सामाजिक विज्ञान की शाखाएँ-

सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत निम्नलिखित पाँच क्षेत्र इस श्रेणी में आते हैं:

  1. मनुष्य जाति का विज्ञान
  2. अर्थशास्त्र
  3. राजनीति विज्ञान
  4. समाज शास्त्र
  5. सामाजिक मनोविज्ञान

मनुष्य जाति का विज्ञान-

मानव समाज और संस्कृतियों की उत्पत्ति और विकास का अध्ययन, नृविज्ञान, सदियों से एक केंद्र बिंदु रहा है। इस क्षेत्र ने यूरोप के ज्ञानोदय युग में महत्व प्राप्त किया, जो 17वीं और 18वीं शताब्दियों में फला-फूला। उस अवधि के दौरान, समाज और ज्ञान को आगे बढ़ाने पर स्पष्ट ध्यान दिया गया था, और मानव व्यवहार को समझना उस लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी के रूप में देखा गया था।

अर्थशास्त्र-

आर्थिक विचार का इतिहास प्लेटो, अरस्तू और ज़ेनोफ़ोन जैसे प्राचीन यूनानी दार्शनिकों से जुड़ा है। उनके कार्यों ने लगभग सभी सामाजिक विज्ञानों की नींव रखी, जिसमें अर्थशास्त्र भी शामिल है।

15वीं से 18वीं शताब्दी में जैसे-जैसे यात्रा आसान होती गई और ज़्यादा से ज़्यादा देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में हिस्सा लेने लगे, वैसे-वैसे व्यापारिकता की आर्थिक व्यवस्था भी बढ़ती गई।

राजनीति विज्ञान-

राजनीति विज्ञान की उत्पत्ति का पता प्राचीन ग्रीस से लगाया जा सकता है। उस समय, दार्शनिक प्लेटो ने राजनीति, न्याय और अच्छी सरकार के बारे में कई संवाद लिखे थे।

प्लेटो के शुरुआती योगदान धीरे-धीरे अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते गए, जिसका नेतृत्व अरस्तू, थॉमस हॉब्स, मार्क्स और मैक्स वेबर जैसे विचारकों ने किया।

मनोविज्ञान-

मनोविज्ञान सामाजिक विज्ञान के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। इसकी शुरुआत 1800 के दशक के अंत में चिकित्सा के अध्ययन के क्षेत्र के रूप में हुई और 20वीं सदी में पश्चिमी दुनिया में यह लोकप्रिय हो गया, जिसका श्रेय आंशिक रूप से सिगमंड फ्रायड के काम को जाता है।

समाज शास्त्र-

समाजशास्त्र एक विज्ञान के रूप में 1800 के दशक के मध्य में यूरोप में विकसित हुआ, यह तीव्र सामाजिक परिवर्तन का दौर था। राजनीतिक क्रांतियों और औद्योगिक क्रांति ने लोगों के जीवन जीने के तरीके में भारी बदलाव किया, जो हमेशा बेहतर के लिए नहीं था।

अमेरिका में पहला समाजशास्त्र पाठ्यक्रम 1875 में येल विश्वविद्यालय में पढ़ाया गया था। इसके बाद के वर्षों में, अन्य कॉलेजों ने भी पाठ्यक्रम में समाजशास्त्र को शामिल कर लिया और 1911 में यह विषय हाई स्कूलों में भी आ गया।

सामाजिक विज्ञान और सामाजिक अध्यन में अंतर –

सामाजिक विज्ञान और सामाजिक अध्यन में अंतर

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निकर्ष-

जैसा की आज हमने आपको Samajik Vigyan Ki Paribhasha, सामाजिक विज्ञान की परिभाषा, सामाजिक विज्ञान की शाखाएँ, सामाजिक विज्ञान की विशेषतायें के बारे में आपको बताया है.

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