Samuday Ki Paribhasha, समुदाय की परिभाषा

आज हम जानेगे की Samuday Ki Paribhasha In Hindi, समुदाय की परिभाषा क्या है, समुदाय किसे कहते है, समुदाय का अर्थ के बारे में आपको बताने वाले है.

अब हम यंहा पर आपको समुदाय क्या है, Samuday Definition In Hindi, समुदाय के प्रकार, समुदाय की विशेषताएं के बारे में बताने वाले है जो की इस प्रकार है –

समुदाय का अर्थ-

समुदाय शब्द अंग्रेजी भाषा के कम्युनिटी Community शब्द का हिंदी रूपांतर है, जोकि लैटिन भाषा के कॉम (Com) तथा म्यूनीस (Munis) शब्दों से मिलकर बना है समुदाय का शाब्दिक अर्थ ही एक साथ सेवा करना है।

समुदाय की परिभाषा

Samuday Ki Paribhasha –

समुदाय व्यक्तियों का एक विशिष्ट समूह है, जो कि निश्चित भौगोलिक सीमाओं में निवास करता है और उदेश्यों या लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक ही क्षेत्र में जीविकोपार्जन करते है उसे समुदाय कहते है.

उदाहरण MUSLIM (मुस्लिम) समुदाय, जैन समुदाय,DALIT (दलित) समुदाय

समुदाय की परिभाषा विद्वानों के द्वारा-

ऑगबर्न और निमकाॅफ के अनुसार – किसी सीमित क्षेत्र के अन्तर्गत सामाजिक जीवन के सम्पूर्ण संगठन को ही समुदाय कहा जाता है।”

आगबर्न एवं निमकाॅफ के अनुसार -” एक सीमित क्षेत्र के अन्दर रहने वाले सामाजिक जीवन के पूर्ण संगठन को समुदाय कहा जा सकता हैं।”

मैकाइवर और पेज के अनुसार – समुदाय सामान्य जीवन का एक क्षेत्र हैं।”

गिन्सबर्ग के अनुसार – समुदाय से एक सामान्य जीवन व्यतीत करने वाले सामाजिक प्राणियों को एक समूह का बोध होता हैं जिसमे सब प्रकार के असीमित विभिन्न एवं जटिल सम्बन्ध होते हैं, जो उस सामान्य जीवन के फलस्वरूप प्राप्त होते हैं .

किंग्सले डेविस के अनुसार – समुदाय एक ऐसा स्थानीय समूह है जिसके अन्तर्गत सामाजिक जीवन के सभी पहलू आ जाते हैं।

बोगार्डस के अनुसार – समुदाय एक ऐसा सामाजिक समूह है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र मे निवास करता हैं और जिसमें कुछ मात्र तक “हम” की भावना पाई जाती हैं।”

Samuday Ki Paribhasha, समुदाय की परिभाषा

समुदाय के प्रकार-

समुदाय के प्रकार समुदाय के दो प्रकार बताये गये हैं :-

ग्रामीण समुदाय-

मानव जीवन का निवास स्थान ग्रामीण समुदाय रहा है। धीरे-धीरे एक ऐसा समय आया जब हमारी ग्रामीण जनसंख्या चरमोत्कर्ष पर पहुंच गयी।
ग्रामीण समुदाय की कुछ प्राचीन प्रचलित विशेषतायें जैसे कृषि का मुख्य व्यवसाय होना, हम भावना, साधारण जीवन स्तर आदि सार्वभौमिक थीं.

नगरीय समुदाय-

नगरीय शब्द नगर’ से बना है जिसका अर्थ शहर से सम्बन्धित है। वैसे शहरी समुदाय को एक सूत्र में बांधना अत्यन्त कठिन है। यद्यपि हम नगरीय समुदाय को देखते हैं, वहां के विचारों से पूर्ण अवगत हैं.

समुदाय की विशेषताएं –

  1. आत्मनिर्भरता- सामान्य जीवन एवं जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समुदाय में आत्मनिर्भरता पाई जाती है।
  2. सामुदायिक भावना -हम की भावना- हम की भावना दायित्व तथा निर्भरता की भावना समुदाय के सभी सदस्यों को एक सूत्र में बांधने में सहायता कर देती है।
  3. मुर्तता– समुदाय के सदस्य अपने हितों की पूर्ति के लिए ही नहीं सोचते बल्कि वे सभी समुदाय का ध्यान रखते हैं।
  4. अनिवार्य सदस्यता– व्यक्ति जन्म से ही समुदाय का सदस्य बन जाता है, जिसमें उसका जन्म हुआ है। सामान्य जीवन के कारण समुदाय से अलग रह कर व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो सकती है।
  5. स्थायित्व- व्यक्ति समुदाय में पैदा होते हैं, तथा चले जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद समुदाय का अस्तित्व बना रहता है।
  6. समानता- समुदाय की सामान्य नियमों के अंतर्गत कार्य करते हैं, तब उनमें समानता की भावना का विकास होता है। यह भावना समुदाय में पारस्परिक सहयोग की वृद्धि करती है।
  7. विशिष्ट नाम- इस नाम के कारण ही समुदाय की एकता का जन्म होता है।
  8. व्यक्तियों का समूह- समुदाय निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्तियों का समूह है। समुदाय का निर्माण एक व्यक्ति नहीं करता है लेकिन समुदाय के लिए व्यक्तियों का समूह होना अति आवश्यक है।
  9. सर्वमान्य नियम- समुदाय की सदस्यों का रहन-सहन, भोजन का ढंग व धर्म सभी काफी सीमा तक सामान्य होते हैं। समुदाय के सदस्य अपना सामान्य जीवन समुदाय में ही व्यतीत करते हैं।

समुदाय एवं समाज में अन्तर

समुदाय तथा समाज में पाए जाने वाले प्रमुख अन्तर हैं-

समुदायसमाज
समुदाय व्यक्तियों का समूह है।समाज व्यक्तियों में पाए जाने वाले सामाजिक सम्बन्धों की एक जटिल व्यवस्था है।
समुदाय एक मूर्त अवधारणा है।समाज एक अमूर्त अवधारणा है।
समुदाय के लिए निश्चित भौगोलिक क्षेत्र का होना आवश्यक है।समुदाय के लिए निश्चित भौगोलिक क्षेत्र का होना आवश्यक है।
समाज के लिए निश्चित भू-भाग का होना आवश्यक नहीं है। यह असीम होता है।समुदाय में सहयोगी सम्बन्धों का होना आवश्यक है।
समाज में सभी प्रकार के सहयोगी तथा असहयोगी सम्बन्ध पाए जाते हैं।इसमें समानता तथा असमानता दोनों ही पाई जाती है।
Samuday Ki Paribhasha

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निकर्ष-

जैसा की आज हमने आपको Samuday Ki Paribhasha, समुदाय की परिभाषा, समुदाय एवं समाज में अन्तर के बारे में आपको बताया है.

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