आज हम जानेगे की samveg ki paribhasha, संवेग की परिभाषा क्या है और इसी प्रकार की परिभाषा देखने के लिए आप हमे फॉलो कर ले.
samveg ki paribhasha, संवेग की परिभाषा-
संवेग एक सदिश राशि है तथा इसकी दिशा वही होती है जो कि वेग की दिशा है।
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को वस्तु का संवेग कहते हैं इसे p से प्रदर्शित करते हैं।
विराम अवस्था में रखी किसी वस्तु को गति प्रदान करने के लिए अथवा किसी गतिशील वस्तु को रोकने के लिए ‘बल’ की आवश्यकता होती है। इस बल का परिमाण निम्नलिखित दो कारकों पर निर्भर करता है–
1. वस्तु का द्रव्यमान
2. वस्तु का वेग।
संवेग का उदाहरण-
जब हम क्रिकेट की समान द्रव्यमान वाली दो गेंद को लेकर एक को अधिक वेग से तथा दूसरी को कम वेग से फेंक देते हैं।
तो हम देखते है की तीव्र वेग से आने वाली गेंद को रोकने के लिए उस पर अधिक बल लगाना होगा तथा कम वेग से आने वाली पर कम बल लगाना पड़ेगा।
अत: इसका मतलब यह है की संवेग के द्वारा ही हम लगने वाले बल और द्रव्यमान का पता लायगा जाता है.
संवेग की परिभाषा विद्वानों के द्वारा-
पी.टी. यंग के अनुसार- “संवेग मनोवैज्ञानिक कारणों से उत्पन्न ने संपूर्ण व्यक्ति के तीव्र उपत्रों की अवस्था है जिसमें चेतना व्यवहार अनुभव और अंतरावयव के कार्य निहित होते हैं।”
क्रो एंड क्रो के द्वारा –” संवेग एक भावात्मक अनुभूति है जो व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक उत्तेजनापूर्ण अवस्था तथा सामान्यीकृत आंतरिक समायोजन के साथ जुड़ी होती है। जिसकी अभिव्यक्ति व्यक्ति द्वारा प्रदर्शित बाहरी व्यवहार द्वारा होती है”
जरसील्ड के अनुसार-“किसी भी प्रकार के आवेश आने ,भड़क उठाने तथा उत्तेजित हो जाने की अवस्था को संवेग कहते हैं ।”
रास के द्वारा –“संवेग चेतना की वह अवस्था है जिसमें राग्यात्मक तत्व की प्रधानता होती है।”
किम्बल यंग के द्वारा – “संवेग प्राणी की उत्तेजित मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दशा है जिसमें शारीरिक क्रियाएं और शक्तिशाली भावनाएं किसी निश्चित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए स्पष्ट रूप से बढ़ जाती हैं।”
वुडवर्थ के द्वारा – “संवेग , व्यक्ति की उत्तेजित दशा है।”
ड्रेवर के अनुसार – ” संवेग प्राणी की एक जटिल दशा है जिसमें शारीरिक परिवर्तन ,प्रबल भावना के कारण उत्तेजित दशा और एक निश्चित प्रकार का व्यवहार करने की प्रवृति निहित रहती है।”
संवेग का सूत्र-
P = m × v
संवेग = द्रव्यमान x वेग
किसी वस्तु का द्रव्यमान M हो तथा वेग V होता है.
संवेग का मात्रक-
संवेग का S.I. मात्रक किलोग्राम मीटर प्रति सेकण्ड (न्यूटन सेकण्ड)
- संवेग के मात्रक को (द्रव्यमान x वेग) के मात्रकों में ही लिखा जाता है।
- अतः C.G.S. प्रणाली में संवेग का मात्रक ‘ग्राम-सेमी/सेकण्ड’ होता है। इसे ‘डाइन-सेकण्ड’ भी लिख सकते हैं।
- M.K.S. प्रणाली में संवेग का मात्रक ‘किग्रा-मीटर/सेकण्ड’ है।
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निकर्ष-
- जैसा की आज हमने आपको संवेग की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.
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