आज हम जानेगे की Shanku Ki Paribhasha | शंकु की परिभाषा हिंदी में उदाहरण सहित क्या है और इसी प्रकार की परिभाषा देखने के लिए आप हमे फॉलो कर ले.
shanku ki paribhasha, शंकु की परिभाषा –
आज हम जानेंगे की शंकु किसे कहते हैं | शंकु के उदाहरण | shanku kya hai | definition of shanku in hindi के बारे में बताने वाले है.
शंकु एक त्रिविमीय संरचना होती हैं जो कोई समकोण त्रिभुज अपने स्थिर लम्ब के चारों ओर घूमकर जिस पिण्ड का निर्माण करता हैं
अर्तार्थ जिसका आधार गोलाकार होता है तथा जिसका शीर्ष एक बिंदु होता है यदि किसी शंकु का आधार एक वृत्त हो तो उसे हम लम्ब वृत्तीय शंकु कहते है.
कोई समकोण त्रिभुज अपने स्थिर लम्ब के चारों ओर घूमकर जिस पिण्ड का निर्माण करता हैं उसे लम्बवृत्तीय शंकु कहते हैं।
शंकु का उदाहरण-
एक शंकु जिसके आधार की त्रिज्या 30 cm है तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई 60 cm है। इस शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिये।
हल: इस प्रश्न में हमें शंकु की त्रिज्या तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई दी गयी है। इसके माध्यम से हम शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल आसानी से निकाल सकते हैं।
प्रश्न में हमें पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए कहा गया है तो हम शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकलेंगे।
Q-4 एक 4 सेंटीमीटर व 8 सेंटीमीटर व्यास के खोखले गोले को गलाकर एक 8 सेंटीमीटर व्यास के आधार वाला शंकु बनाएं तो शंकु की ऊँचाई होगी?
A. 12 सेंटीमीटर
B. 18 सेंटीमीटर
C. 14 सेंटीमीटर
D. 15 सेंटीमीटर
हल:- प्रश्नानुसार,
माना शंकु की ऊँचाई = h सेंटीमीटर
⅓ π × 4(4)² × h
⁴⁄₃ π [(8/2)³ – (4/2)³]
h = 14 सेंटीमीटर
Ans. 14 सेंटीमीटर
शंकु के भाग-
फलक : एक शंकु में केवल एक फलक होता है एवं वह फलक गोलाकार होता है। यह शंकु का नीचे का हिस्सा होता है। इसे शंकु का आधार भी कहा जाता है।
शीर्ष : एक शंकु में एक शीर्ष होता है। शंकु के किनारों को घुमाया जाता है एवं उन्हें एक बिंदु पर मोड़ दिया जाता है जिससे हमें शंकु का शीर्ष मिलता है।
चौड़ाई- एक शंकु की चौड़ाई उसके गोलाकार फलक का व्यास होता है।
शंकु के सूत्र-
अब तक हमने आपको शंकु की परिभाषा हिंदी में उदाहरण सहित आपको बताया है और अब हम आपको शंकु के सूत्र बताने वाले है –
यहाँ R का मतलब शंकु के आधार की त्रिज्या होता है तथा L या L का मतलब शंकु की तिर्यक अर्थात तिरछी ऊंचाई होता है। पाई का मान हम 22/7 या 3.14 लेते हैं।
शंकु का वक्र पृष्ठिय क्षेत्रफल = πRL
शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + वृत्त का क्षेत्रफल = शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
शंकु के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr ( l + r )
शंकु का आयतन = ⅓ × आधार का क्षेत्रफल × ऊँचाई= ⅓ π²h
शंकु का वक्रतल = ½ × आधार की परिधि × तिर्यक ऊँचाई= πrl
शंकु का सम्पूर्ण सतह = वक्रप्रष्ठ + आधार का क्षेत्रफल = πr (l + r)
शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √(त्रिज्या)² + (ऊँचाई)² L = √r² + h²
(जहाँ r शंकु के आधार की त्रिज्या होती है एवं h शंकु की ऊंचाई होती है। शंकु की तिर्यक ऊंचाई हम पाइथागोरस प्रमेय से पता कर सकते हैं)
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निकर्ष-
- जैसा की आज हमने आपको Shanku Ki Paribhasha, शंकु की परिभाषा हिंदी में उदाहरण सहित जानकारी के बारे में आपको बताया है.
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