आज हम जानेगे की Vakya Ki Paribhasha In Hindi, वाक्य की परिभाषा उदाहरण सहित, वाक्य के भेद, वाक्य का अर्थ के बारे में आपको बताने वाले है.
अब हम Vakya Definition In Hindi, वाक्य क्या है, वाक्य किसे कहते है, Vakya meaning In Hindi, वाक्य के घटक के बारे में आपको बताने वाले है.
Vakya Ki Paribhasha-
दो या दो से अधिक शब्दों के समूह जिनका कोई अर्थ निकलता हो उसे वाक्य कहा जाता है. वाक्य को बनाने के लिए कर्ता, कर्म और क्रिया के द्वारा ही वाक्य का निर्माण होता है.
शब्द या सार्थक शब्दों का वह समूह जिससे वक्ता का भाव स्पष्ट हो जाए और श्रोता जिसका अर्थ समझ जाये उसे वाक्य कहते है.
अथवा–
वाक्य भाषा व व्याकरण का सबसे बड़ा अंग होता है जो की दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के प्रयोग से वाक्य की रचना होती जो वाक्य कहलाता है।
जैसे – धर्म की हमेशा जय होती है।
यह एक वाक्य है, क्योंकि इसका पूरा-पूरा अर्थ निकलता है की धर्म पर चलने वाले की हमेशा जय होती है.
वाक्य के घटक-
कर्ता और क्रिया के आधार पर वाक्य के दो अंग होते हैं-
- उद्देश्य
- विधेय
उद्देश्य :-
जब किसी वाक्य में जिसके के बारे में कहा जाय तो वह वाक्य में उद्देश्य होता है.
विधेय :–
जब किसी वाक्य जो बात की जाये या जो कार्य हो तो वेह उस वाक्य में विधेय मौजूद है।
जैसे – सार्थक दिल्ली में रहता है’।
इसमें उद्देश्य है – ‘सार्थक‘, और विधेय है – ‘दिल्ली में रहता है।’
वाक्य के भेद-
रचना के आधार पर-
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं –
- साधरण वाक्य या सरल वाक्य
- मिश्रित वाक्य
- संयुक्त वाक्य
(i) साधरण वाक्य या सरल वाक्य :-
जिस वाक्य में एक ही क्रिया होती है, और एक कर्ता होता है, उसे साधारण वाक्य कहलाते है। यानि जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें साधारण वाक्य या सरल वाक्य कहते हैं।
जैसे-
- बादल गरजा
- बिजली चमकती है.
(iii) संयुक्त वाक्य :-
जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजकों ( अतः, फिर भी, तो, नहीं तो किन्तु, परन्तु, लेकिन, और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, पर आदि) से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं।
““`जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है।
जैसे–
- श्याम सुबह गया और शाम को लौट आया।
- कर्म करो पर दुष्कर्म नहीं।
- उसने बहुत मेहनत की परन्तु सफलता नहीं मिली।
(ii) मिश्रित वाक्य :-
जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हो किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हो, मिश्रित वाक्य कहलाता है यानि जिनमे एक उद्देश्य और विधेय के अलावा एक से अधिक क्रियाएँ होती हैं।
जैसे –
- ज्यों ही उसने दवा ली, तुरंत आराम मिल गया.
- यदि मेहनत करोगे तो, सफल हो जाओगे।
- मैं जानता हूँ कि तुम्हारे वाक्य नहीं पढ़ा जाता.
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद:-
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ प्रकार होते हैं –
- विधानार्थक वाक्य
- संदेहार्थक वाक्य
- निषेधात्मक वाक्य
- आज्ञार्थक वाक्य
- प्रश्नार्थक वाक्य
- संकेतार्थक वाक्य
- इच्छार्थक वाक्य
- विस्मय बोधक वाक्य
वाक्य के तत्व-
वाक्य की परिभाषा pdf-
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निकर्ष-
जैसा की आज हमने आपको Vakya Ki Paribhasha, वाक्य की परिभाषा उदाहरण सहित जानकारी के बारे में आपको बताया है.
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