Visheshya Ki Paribhasha, विशेष्य की परिभाषा

आज हम जानेगे की Visheshya Ki Paribhasha In Hindi | विशेष्य की परिभाषा उदाहरण सहित | Visheshya Ke Prakar | विशेष्य का अर्थ के बारे में आपको बताने वाले है.

अब हम Visheshya Definition In Hindi | विशेष्य क्या है | विशेष्य किसे कहते है | Visheshya In Hindi | Visheshya Ke Udaharan के बारे में आपको बताने वाले है.

Visheshya Ki Paribhasha-

वह शब्द को संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है उन्हें विशेषण कहते है लेकिन जिस वाक्य में जिस वस्तु की विशेषता बताएं जा रही है जैसे व्यक्ति, वस्तु, पदार्थ या अन्य वस्तु चींज की विशेषता बताई जाती है तो उसे विशेष्य कहते है।

अर्ताथ-

किसी भी वाक्य में विशेषण जिन संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताता है उस संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द को विशेष्य कहते हैं |

उदाहरण –

  • आज बहुत अधिक गर्मी है.

इस वाक्य में गर्मी शब्द संज्ञा है और अधिक शब्द भी आया है और यह अधिक शब्द गर्मी की विशेषता को दर्शाने के लिए आया है. यह गर्मी की विशेषता बता रहा है संज्ञा होने के कारण गर्मी शब्द विशेष्य भी है.

  • चाय ज़्यादा मीठी है।
  • शंकरन पढ़ा लिखा इंसान है।
  • रतन घोर परिश्रमी है.
  • वह मोर सुन्दर है।,
  • कमलेश एक ईमानदार नेता है।
  • यह आम मीठा है.
  • विशाल भ्रष्ट अफसर है।
  • अमित तेज़ दौड़ता है।
Visheshya Ki Paribhasha
Visheshya Ki Paribhasha

विशेष्य के प्रकार:-

गुणवाचक विशेष्य:-

ये विशेष्य किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण का बोध कराते हैं.

जैसे: सुंदर, बड़ा, छोटा, अच्छा, बुरा, इत्यादि।

संख्यावाचक विशेष्य:-

जो विशेष्य किसी वस्तु या व्यक्ति की संख्या का बोध कराते हैं.

जैसे: एक, दो, तीन, चार, इत्यादि।

क्रमवाचक विशेष्य:-

जो विशेष्य किसी वस्तु या व्यक्ति के क्रम का बोध कराते हैं.

जैसे: पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, इत्यादि।

सार्वनामिक विशेष्य:-

जो विशेष्य किसी सर्वनाम की विशेषता का बोध कराते हैं.

जैसे: यह, वह, ये, वे, इत्यादि।

सापेक्ष विशेष्य:-

जो विशेष्य किसी संज्ञा या सर्वनाम का संबंध किसी अन्य संज्ञा या सर्वनाम से दर्शाते हैं.

जैसे: जो, जिसका, जिससे, इत्यादि।

अनिश्चित विशेष्य:-

जो विशेष्य किसी वस्तु या व्यक्ति की निश्चित संख्या, गुण या क्रम का बोध नहीं कराते हैं. जैसे: कुछ, अनेक, बहुत, थोड़े, कई, इत्यादि।

विशेष्य का महत्व:

  • संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, अवस्था या क्रिया का बोध कराना।
  • वाक्यों को स्पष्ट और सुबोध बनाना।
  • भाषा को अधिक प्रभावशाली बनाना
Visheshya Ki Paribhasha

Visheshya Ke Udaharan- विशेष्य का उदाहरण-

विशेष्यविशेषण
अन्तअंतिम, अन्त्य
अंकुरअंकुरित
अंगआंगिक
अंकनअंकित
अणुआणविक
अभिषेकअभिषिक्त
अवश्यआवश्यक
अनुपातआनुपातिक
अन्यायअन्यायी
अपेक्षाअपेक्षित
अभ्यासअभ्यासी
अध्यात्मआध्यात्मिक
अपकारअपकारी
अतिरंजनअतिरंजित
अध्ययनअधीत
अनुमोदनअनुमोदित
अनीतिअनैतिक
अपराधअपराधी
आत्माआत्मिक, आत्मीय
आराधनाआराध्य
आकाशआकाशीय
आभूषणआभूषित
आचरणआचरित
आदिआद्य, आदिम
आयुआयुष्मान्
इच्छाइष्ट, ऐच्छिक
इतिहासऐतिहासिक
ईर्ष्याईर्ष्य, ईर्ष्यालु
उपेक्षाउपेक्षित, उपेक्षणीय
उपनिवेशऔपनिवेशिक
उपार्जनउपार्जित
उदयउदित
उपजउपजाऊ
उत्तरउत्तरी
उपकारउपकृत, उपकारक
ऋणऋणी
कृपाकृपालु
कामकामी, कामुक
कुलकुलीन
क्रमक्रमिक
कर्मकर्मी, कर्मठ
कुटुम्बकौटुम्बिक
करुणाकारुणिक, करूँ
कण्ठकण्ठ्य
कत्थाकत्थई
कर्जकर्जदार, कर्जखोर
कसरतकसरती
खपड़ाखपड़ैल
खण्डखण्डित
खर्चखर्चीला
खानखनिज
गलतीगलत
गृहस्थगृहस्थ्य
गाँवगँवार, गँवई
गर्मीगर्म
गोत्रगोत्रीय
गुणगुणवान, गुणी
घरघरेलू
घमण्डघमण्डी
घावघायल
चर्चाचर्चित
जटाजटिल
चित्रचित्रित, चितेरा
चरित्रचारित्रिक
चक्रचक्रित
चाचाचचेरा
जलजलीय
जातिजातीय
जंगलजंगली
तेजतेजस्वी
त्यागत्यागी, त्याज्य
तिरस्कारतिरस्कृत
तर्कतार्किक
देशदेश, देशीय
देवदेवी, दैविक
दम्पतिदाम्पत्य
दयादयामय, दयालु
दस्तदस्तावर
दन्तदन्त्य
दगादगाबाज
नरकनारकीय
नीतिनैतिक
नाटकनाटकीय
नियमनियमित
निजनिजी
नावनाविक
निर्माणनिर्मित
पहाड़पहाड़ी
पुस्तकपुस्तकीय
पृथुपृथुल
परिवारपारिवारिक
पुष्टिपौष्टिक
परिभाषापारिभाषिक
पितापैतृक
परलोकपारलौकिक
प्रसंगप्रासंगिक
प्रशंसाप्रशंसित, प्रशंसनीय
पूजापूज्य, पूजनीय
पत्थरपथरीला
पश्चिमपाश्चात्य, पश्चिमी
पक्षपाक्षिक
प्रार्थनाप्रार्थनीय, प्रार्थित
पानीपेय
पराजयपराजित
प्रस्तावप्रस्तुत, प्रस्तावित
पूर्वपूर्वी
प्यारप्यारा
प्रतिबिम्बप्रतिबिम्बित
पाठकपाठकीय
प्रातःकालप्रातःकालीन
फेनफेनिल
बाजारबाजारू
बर्फबर्फीला
बुद्धबौद्ध
भ्रमभ्रामक
भूमिभौमिक
भगवत्भागवत
भूतभौतिक
भूषणभूषित
भारतभारतीय
मलमलिन
माहमाहवारी
मनुमानव
मुखमुखर, मौखिक
मांसमांसल
मायामायावी, मायिक
मामाममेरा
मिथिलामैथिल
मेधामेधावी
मृत्युमर्त्य
मथुरामाथुर
योगयोगी, यौगिक
यज्ञयाज्ञिक
यदुयादव
यशयशस्वी
रोगरोगी
रसीदरसीदी
रसरसिक, रसीला
राक्षसराक्षसी
रसायनरासायनिक
रोजरोजाना
रूद्ररौद्र
राजराजसी, राजकीय
राष्ट्रराष्ट्रीय
राहराही
वेदवैदिक
वायुवायवीय, वायव्य
विपत्ति, विपदविपन्न
व्यापारव्यापारिक
विचारविचारणीय, वैचारिक
विस्मयविस्मित
विजयविजयी, विजेता
विकारविकृत, विकारी
विद्याविद्यावान
विवादविवाद्य, विवादी
वियोगवियुक्त, वियोगी
विकासविकसित
विभाजनविभक्त, विभाजित
व्यवहारव्यावहारिक
विलासविलासी
विषादविषण्ण
विषयविषयी
संसारसांसारिक
संतापसंतप्त
संयोगसंयुक्त
संख्यासांख्यिक, संख्येय
सम्पादनसम्पादकीय
समाजसामाजिक
सोनासुनहरा
सम्मानसम्मानित, सम्मान्य
स्मृतिस्मृत, स्मार्त
स्वभावस्वाभाविक
स्वप्नस्वप्निल
सूर्यसौर
सिंधुसैन्धव
स्वर्गस्वर्गीय, स्वर्गिक
समयसामयिक
सुखसुखी
समुद्रसमुद्री, सामुद्रिक, सामुद्र
साहित्यसाहित्यिक
सभासभ्य
सोनासुनहरा, सुनहला
स्वादस्वादु
शिक्षाशिक्षित, शैक्षिक
शासनशासक, शासित
शरदशारदीय
शौकशौक़ीन
गेरूगेरुआ
शरीरशारीरिक
श्यामश्यामल
हवाहवाई
अँधेराअन्ध
अच्छाईअच्छा
अराजकताअराजक
अंकनअंकित
ईमानदारीईमानदार
उपस्थितिउपस्थित
ऊँचाईऊँचा
ऐतिहासिकताऐतिहासिक
कर्मनिष्ठताकर्मनिष्ठ
कुरूपताकुरूप
कारुण्यकरुण
ख्यातिख्यात
ख़ामोशीखामोश
गरीबीगरीब
गृहस्थीगृहस्थ
गहनतागहन
घनत्वघना
चालाकीचालाक
चौङाईचौङा
जड़त्वजड़
जितेन्द्रियताजितेन्द्रय
तीव्रतातीव्र
तीक्ष्णतातीक्ष्ण
दगाबाजीदगाबाज
दीनता, दैन्यदीन
धार्मिकताधार्मिक
पराजयपराजित
परिवर्तनपरिवर्तित
प्रतिकूलताप्रतिकूल
प्रतिपादनप्रतिपादित
प्राचीनताप्राचीन
बहुतायतबहुत
बुढ़ापाबूढ़ा
बेईमानीबेईमान
विशेष्य की परिभाषा

विशेष्य की परिभाषा पीडीऍफ़ हिंदी में –

विशेष्य और विशेषण की पीडीऍफ़ हिंदी में –

यह भी पढ़े –

सार्वनामिक विशेषण की परिभाषावाच्य की परिभाषा
संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहितविशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित
सर्वनाम की परिभाषा उदाहरण सहितकारक की परिभाषा उदाहरण सहित

निकर्ष-

जैसा की आज हमने आपको Visheshya Ki Paribhasha In Hindi | विशेष्य की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.

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