आज हम जानेगे की Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha In Hindi | भाववाचक संज्ञा की परिभाषा उदाहरण सहित | भाववाचक संज्ञा का अर्थ | भाववाचक संज्ञा के उदाहरण के बारे में बताने वाले है.
Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha-
अब हम जानेंगे की भाववाचक संज्ञा क्या है | भाववाचक संज्ञा किसे कहते है | Definition Of Bhav Vachak Sangya In Hindi | Bhav Vachak Sangya Ka Udaharan | Example Of Bhav Vachak Sangya In Hindi के बारे में बताने वाले है.
जिन शब्दों से किसी पदार्थ या प्राणी के दशा, अवस्था, उसके गुण-दोष, धर्म और भाव का बोध होता हो, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
अर्ताथ जब किसी शब्द द्वारा उसे देखकर हमारे मन में कोई भाव उत्पन्न होतो वहा भाववाचक संज्ञा होती है.
जैसे – मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आजादी, साहस, वीरता, आदि।
भाववाचक संज्ञा के प्रकार-
भाववाचक संज्ञा दो प्रकार की होती है-
- समुदायवाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
1. समुदायवाचक संज्ञा-
वे शब्द जिनसे किसी वस्तु या व्यक्ति के समूह में रहने में और उनके समावेलन का भाव उत्पन्न होतो उसे समूहवाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – रैली, परिवार, सेना, मेला, बाजार, मंडी आदि।
2. द्रव्यवाचक संज्ञा-
जिन शब्दों से हमे किसी वास्तु के मापन में उसकी द्रव्यता का भाव पैदा होता है या फिर हमे जब किसी का तरल, ठोस, अधातु, धातु, पदार्थ, द्रव्य आदि होने का भाव होतो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे: घी, सोना, पानी, तेल, तांबा, मिट्टी, पत्थर, नमक, चांदी, लोहा आदि।
भाववाचक संज्ञा को पहचानने के नियम-
भाववाचक संज्ञा को पहचानने के लिए जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय में ता, आस, पा, अ, पन, ई, आव, वट, य, हट, त्व आदि लगाकर भाववाचक संज्ञा में बदल दिया जाता है.
अब हम आपको जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय से भाववाचक संज्ञा कैसे बनती है वो बताने वाले है-
संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना-–
- गुरु – गुरुता
- पंडित – पांडित्य
- भार – भारीपन
- माता – मातृत्व
- राष्ट्र – राष्ट्रीयता
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना-
- ब्राह्मण – ब्राह्मणत्व
- युवक – यौवन
- इंसान – इंसानियत
- घर – घरेलू
- राष्ट्र – राष्ट्रीयता
विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना-
- गोरा – गोरापन
- गंभीर – गंभीरता
- हिंसक – हिंसकता
- सम – समता
- बेईमान – बेईमानी
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना-
- पराया – परायापन
- मम – ममत्व/ममता
- आप – आपा
- पराया – परायापन
- सर्व – सर्वस्व
क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना-
- भिड़ना – भिडंत
- मरना – मरण
- लिखना – लिखावट
- लुटाना – लूट
- सींचना – सिंचाई
अव्यय से भाववाचक बनाना-
- निकट – नैकट्य
- मना – मनाही
- धिक् – धिक्कार
- पूर्ण – पूर्णता
- दूर – दुरी
Bhav Vachak Sangya ke udaharan-
- मेरा बचपन खेलकूद में बीता।
- बचपन शब्द से बच्चा होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः बचपन एक भाववाचक संज्ञा है।
- तुमसे मिलके मेरी बचपन की यादें ताज़ा हो गयी।
- ऊपर दिए वाक्य में ‘बचपन’ एवं ‘यादें’ हमें भावों के बोध करा रहें हैं अतः यंहा इन दोनों शब्दों में भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
- विकास की आवाज़ में बहुत मिठास है।
- मिठास शब्द से आवाज़ मीठी होने का बोध हो रहा है। अतः मिठास एक भाववाचक संज्ञा है।
- दौड़ने से मुझे थकान का अनुभव होता है।
- थकान शब्द हमें एक थकने के भाव का बोध होता है अतः यह थकान एक भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
- मुझे तुम पर काफी गुस्सा आ रहा है।
- इस वाक्य में गुस्सा आना एक भाव को प्रदर्शित करता है, अतःअत गुस्सा भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
- भारत में गरीबी बढ़ रही है।
- गरीबी शब्द से गरीब होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः गरीबी एक भाववाचक संज्ञा शब्द है।
- इंसानियत के नाते तुम्हें उसकी मदद करनी चाहिए।
- उपरोक्त वाक्य भाववाचक संज्ञा का उदाहरण वाक्य है, जिसमें में इंसानियत एक भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
- तुम्हारे बाग़ में फूलो की सुंदरता देखते ही बनती है।
- दिए गए वाक्य में सुंदरता एक भाव है अतः इस वाक्य में सुंदरता भाववाचक संज्ञा के उदाहरण है।
- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा।
- आज़ादी शब्द से आज़ाद होने के भाव का बोध हो रहा है। अतः आज़ादी एक भाववाचक संज्ञा है।
भाववाचक संज्ञा की परिभाषा पीडीऍफ़ हिंदी में –
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निकर्ष-
जैसा की आज हमने आपको Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha, भाववाचक संज्ञा की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.
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