Visheshan Ki Paribhasha, विशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित

आज हम जानेगे की Visheshan Ki Paribhasha In Hindi | विशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित | Visheshan Ke Bhed | विशेषण का अर्थ | विशेषण का प्रकार के बारे में आपको बताने वाले है.

visheshan ki paribhasha- विशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित

आज हम Visheshan definition in Hindi | विशेषण क्या है | विशेषण किसे कहते है | Visheshan in hindi | visheshan ke udaharan के बारे में आपको बताने वाले है.

संज्ञा या सर्वनाम  की विशेषता बतलाने वाले शब्दों को विशेषण कहते है।”

विशेषण का शाब्दिक अर्थ है – विशेषता बताना ।

विशेषण शब्द वह विकारी शब्द है, जिससे संज्ञा या सर्वनाम शब्दो कि विशेषता पता चलती है।
जिस प्रकार से हम किसी भी व्यक्ति या वस्तु का नाम लेने से पहले उस वस्तु के बारे मे कुछ विशेष बात करते है, तो वह उसकी विशेषता हुई ।

जैसे – बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो आदि।

Visheshan ke udaharan –

  • राहुल ने लाल कमीज पहनी है।
  • कोयल मीठा बोलती है। 
  • आसमान साफ है।
  • हमने गुजराती गीत गाए। 
  • सीता धीरे-धीरे बोलती है।
  • सोहन एक अच्छा लड़का है।
  • कौआ काला होता है।
  • कोयल कूह-कूह करती है।
  • आम बहुत खट्टा है। 
  • बालक चतुर है। 
  • आयुष काफी समझदार है।
  • इस डब्बे में दस किताबें हैं। 
  • टोकरी में मीठे अंगूर हैं।
  • अंकिता काफी स्थिर हैं।
  • तरबूज़ काफी मीठा है।
  • मुकुल के पास गहने हैं।
visheshan ki paribhasha

हिंदी में विकारी शब्द चार होते है –

  1. संज्ञा
  2. सर्वनाम
  3. विशेषण
  4. क्रिया

विशेष्य

जिस संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताई जाए वह विशेष्य कहलाता है।

जैसे – गीता सुन्दर है – इसमें सुन्दर- विशेषण है और गीता विशेष्य है।

विशेषण शब्द विशेष्य से पूर्व भी आते हैं और उसके बाद भी।
पूर्व में-

जैसे- थोड़ा-सा जल लाओ , एक मीटर कपड़ा ले आना।

बाद में-
जैसे- यह रास्ता लंबा है, खीरा कड़वा है।

विशेषण के प्रकार-

विशेषण के मुख्य पाँच प्रकार होते हैं।

  1. गुणवाचक विशेषण
  2. परिमाणवाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण
  4. सार्वनामिक विशेषण
  5. व्यक्तिवाचक विशेषण

1- गुणवाचक विशेषण:

वे शब्द, जो किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, स्वभाव, दशा आदि का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे- काला, पुराना, भला, छोटा, मीठा, देशी, पापी, धार्मिक आदि।

  • बगीचे में सुंदर फूल हैं।
  • धरमपुर स्वच्छ नगर है।
  • स्वर्गवाहिनी गंदी नदी है।
  • स्वस्थ बच्चे खेल रहे हैं।

इन सभी वाक्यों में सुंदर, स्वच्छ, गंदी और स्वस्थ शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। गुण का अर्थ अच्छाई ही नहीं, किन्तु कोई भी विशेषता।

  • स्थान संबंधी गुणवाचक विशेषण – लंबा, चौड़ा, ऊँचा, नीचा, सीधा, बाहरी, भीतरी आदि।
  • दशा संबंधी गुणवाचक विशेषण – दुबला, पतला, मोटा, भारी, गाढ़ा, गीला, गरीब, पालतू आदि।
  • समय संबंधी गुणवाचक विशेषण – नया, पुराना, ताजा, वर्तमान, भूत, भविष्य, अगला, पिछला आदि।
  • गुण संबंधी गुणवाचक विशेषण – भला, बुरा, उचित, अनुचित, पाप, झूठ आदि।
  • आकार संबंधी गुणवाचक विशेषण – गोल. चौकोर, सुडौल, पोला, सुंदर आदि।
  • संज्ञा संबंधी गुणवाचक विशेषण – मुंबईया, बनारसी, लखनवी आदि।
  • वर्ण संबंधी गुणवाचक विशेषण – लाल, पीला, नीला, हरा, काला, बैंगनी, सुनहरी आदि।

2- संख्यावाचक विशेषण:

वे विशेषण, जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित, अनिश्चित संख्या, क्रम या गणना का बोध कराते हैं उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते है –

निश्चित संख्यावाचक विशेषण :–

जिन विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध हो, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण करते हैं।

जैसे :-

एक लड़का आम खा रहा हैं।
दो कलमें मेरे लिए ले आना।

  • गणनावाचक-एक, दो, तीन।
  • क्रमवाचक-पहला, दूसरा।
  • आवृत्तिवाचक-दुगुना, चौगुना।
  • समुदाय वाचक-दोनों, तीनों, चारों
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण :–

जिन विशेषण शब्दों से निश्चित संख्या का बोध ना हो, उन्हें अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण करते हैं।

जैसे :- कई, कुछ, सब, बहुत, थोड़े।

  • कुछ रसगुल्ले खा लो।
  • कुछ गेंदे खरीद कर ले आइए।

3- परिमाण वाचक विशेषण-

जिन विशेषण के द्वारा किसी वस्तु या किसी प्रकार की माप तौल को प्रकट किया जाता हैं। उसे परिमाण वाचक विशेषण कहते हैं।

परिमाण वाचक विशेषण के उदाहरण :-

  • वह चार बार खाना खाया हैं।
  • वह कल दो बार सोया हैं।
  • वह एक बार खेला हैं।
  • वह चार बार नहाया हैं।
  • वह दो चोर थे।

परिमाणवाचक विशेषण के दो प्रकार होते है।

  1. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
  2. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण :–

जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की निश्चित मात्रा का ज्ञान हो, उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :- दो मीटर, पाँच किलो, सात लीटर।

दो एकड़ जमीन में मक्के की फसल खड़ी है।
चार किलो लकड़ी ख़रीद कर ले आओ।

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण :–

जिन विशेषण शब्दों से वस्तु की अनिश्चित मात्रा का ज्ञान हो, उसे अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :- थोड़ा, बहुत, कम, ज्यादा, अधिक, जरा-सा, सब आदि।

  • थोड़ा सा नमकीन दे दो।
  • थोड़ा सा चीनी ला दो।

4-सार्वनामिक विशेषण-

जो सर्वनाम संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता की ओर संकेत करते हैं उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

उदाहरण :-

  • ये लैपटॉप हैं।
  • ये मोबाइल हैं।
  • यह बैग हैं।
  • यह कार हैं।
  • यह फुटबॉल हैं।

सार्वनामिक विशेषण दो प्रकार के होते है

  1. मौलिक
  2. यौगिक
मौलिक :–

जो सर्वनाम अपना मूल रूप में किसी संज्ञा की विशेषता बताते हैं। यह, ये, कोई सर्वनाम के मूल रूप है।

उदाहरण :-

यह आदमी नेता है।
वह आदमी शिक्षक है।

यौगिक :–

जो सर्वनाम किसी प्रत्यय के योग से बनकर किसी संज्ञा की विशेषता बताते हैं। ऐसा, कैसा, जैसा आदि यौगिक सर्वनाम है।

उदाहरण :-

ऐसा लड़का मिलना कठिन है।
तुम्हारे जैसा आदमी मैंने नहीं देखा।

5-व्यक्ति वाचक विशेषण-

व्यक्ति वाचक विशेषण वे विशेषण जो व्यक्तिवाचक संज्ञाओं से बनकर अन्य संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे व्यक्ति वाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :-
जोधपुरी जूती, बनारसी साड़ी, कश्मीरी सेब, बीकानेरी भुजिए इन वाक्यों में जोधपुरी, बनारसी, कश्मीरी, बीकानेरी शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण है।

उदाहरण :-

बनारसी साड़ी, कश्मीरी सेब, बीकानेरी भुजिया, जोधपुरी जूती।

वाक्यों में बनारसी, कश्मीरी, बीकानेरी, जोधपुरी शब्द व्यक्तिवाचक विशेषण हैं।

विशेषण शब्दों की रचना कैसे होती है –

विशेषण शब्दों की रचना -संज्ञा, सर्वनाम क्रिया तथा अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय के मेल से विशेषण पद बन जाता है।

विशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित
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निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको Visheshan Ki Paribhasha, विशेषण की परिभाषा उदाहरण सहित, विशेषण के प्रकार जानकारी के बारे में आपको बताया है.
  • इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
  • यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
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