आज हम जानेगे की Kriya Ki Paribhasha In Hindi | क्रिया की परिभाषा उदाहरण सहित | Kriya Definition In Hindi | Kriya Ki Paribhasha Aur Prakar | के बारे में बताने वाले है.
kriya ki paribhasha-
आज हम आपको क्रिया क्या होती है | क्रिया क्या है | क्रिया के उदाहरण | definition of kriya in hindi | क्रिया का अर्थ आपको बताने वाले है-
किसी वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसके द्वारा किसी काम का करना या होना पाया जाता है उसे क्रिया कहते हैं।
संस्कृत में क्रिया रूप को धातु कहते हैं। हिंदी में इन धातुओं के साथ ‘ना’ लगता है।
क्रिया की परिभाषा उदाहरण सहित– kriya ke udaharan
- शास्त्री जी भारत के प्रधानमंत्री थे।
- महेश क्रिकेट खेल रहा है।
- आज सभी पतंग उड़ा रहे हैं।
- बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं।
- लड़कियाँ गाना गा रही हैं।
- गीता चाय बना रही है।
- धनश्याम दूध पी रहा है।
- उसी ने बोला था।
- राजा राम पुस्तक पढ़ रहा है।
- राम ही सदा लिखता है।
- अध्यापक छात्रों को पाठ पढ़ा रहा था।
- महेश पत्र लिखता है।
- सुरेश खेल रहा है।
- विक्रम पढ़ रहा है।
- राम ने कृष्ण को पत्र लिखा।
क्रिया शब्द –
वे शब्द जिनसे किसी कार्य या काम के होने का बोध होता हो उन्हें क्रिया शब्द कहते हैं।
किसी वाक्य में कर्ता जिस कार्य को कर रहा होता है उस कार्य का बोध करवाने वाले शब्दों को क्रिया शब्द कहा जाता है।
क्रिया शब्द के उदाहरण-
- कूदना
- खेलना
- आना
- चलना
- जाना
- नाचना
- पीना
- नहाना
Kriya Ke Prakar-Types of verbs in Hindi
kriya के दो भेद हैं-
- सकर्मक क्रिया
- अकर्मक क्रिया
1-सकर्मक क्रिया–
सकर्मक शब्द ‘स’ और ‘कर्मक’ से मिलकर बना है, जहाँ ‘स’ उपसर्ग का अर्थ ‘साथ में’ तथा ‘कर्मक’ का अर्थ ‘कर्म के’ होता है।
वें क्रियाएं जिनका प्रभाव वाक्य में प्रयुक्त कर्ता पर न पड़ कर कर्म पर पड़ता है। अर्थात वाक्य में क्रिया के साथ कर्म का होना सकर्मक क्रिया कहलाता है।
जैसे:-
- सुरेश पानी पी रहा है आदि ।
- रमेश बाजार जा रहा है,
- सीता खाना बना रही है,
सकर्मक क्रिया के दो भेद होते हैं:-
1-एक कर्मक क्रिया:-
जब वाक्य में क्रिया के साथ एक कर्म प्रयुक्त हो, तो उसे एक कर्मक क्रिया कहा जाता है, जैसे- राम आम खा रहा है।
2-द्विकर्मक क्रिया:-
जब वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म प्रयुक्त हो, तो उसे द्विकर्मक क्रिया कहा जाता है, जैसे- अध्यापक छात्रों को गणित पढ़ा रहें हैं।
2-अकर्मक क्रिया –
वे क्रियाएँ जिनका प्रभाव वाक्य में प्रयुक्त कर्ता पर पड़ता है उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं।
अकर्मक क्रिया का अर्थ कर्म के बिना होता है, अर्थात अकर्मक क्रिया के साथ कर्म प्रयुक्त नहीं होता है।
अकर्मक शब्द अ और कर्मक से मिलकर बना है, जहाँ अ उपसर्ग का अर्थ बिना तथा कर्मक का अर्थ कर्म के होता है।
जैसे:
- राम बैठा है
- रीता रोती है,
- सीता खाती है,
काल के अनुसार क्रिया के भेद-
काल के अनुसार क्रिया तीन प्रकार की होती है:
(i) भूतकालिक क्रिया:
क्रिया का वह रूप, जिसके द्वारा बीते समय में (भूतकाल में) कार्य के सम्पन्न होने का बोध होता है। जैसे-सरोज गयी। सलीम पुस्तक पढ़ रहा था।
(iii) वर्तमान कालिक क्रिया:
क्रिया का वह रूप, जिसके द्वारा वर्तमान समय में कार्य । के सम्पन्न होने का बोध होता है| जैसे-कमला गाना गाती है। विमला खाना बना रही है |
(ii) भविष्यत् कालिक क्रिया:-
क्रिया का वह रूप, जिसके द्वारा आने वाले समय में कार्य के सम्पन्न होने का बोध होता है । जैसे नीलम कल जोधपुर जायेगी। अशोक पत्र लिखेगा।
संरचना या प्रयोग के अनुसार क्रिया के भेद-
- संयुक्त क्रिया
- नामधातु क्रिया
- प्रेरणार्थक क्रिया
- पूर्वकालिक क्रिया
- मूल क्रिया
- नामिक क्रिया
- समस्त क्रिया
- सामान्य क्रिया
- सहायक क्रिया
- सजातीय क्रिया
- विधि क्रिया
यह भी पढ़े –
निकर्ष-
जैसा की आज हमने आपको kriya ki Paribhasha, Kriya Ke Udaharan, Verb examples in Hindi, जानकारी के बारे में आपको बताया है.
इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
यदि हमारे द्वारा प्रदान की सुचना और प्रक्रिया से लाभ हुआ होतो हमारे BLOG पर फिर से VISIT करे.
25 thoughts on “Kriya ki Paribhasha, क्रिया की परिभाषा उदाहरण सहित”