आज जानेगे की Ayadi Sandhi Ki Paribhasha In Hindi, अयादि संधि की परिभाषा, Ayadi Sandhi Ke Udaharan, Ayadi Sandhi In Hindi, अयादि संधि किसे कहते है आपको बताने वाले है.
अब आपको हम यंहा पर अयादि संधि का सूत्र, Ayadi Sandhi Ka Niyam, अयादि संधि क्या है, ayadi sandhi definition in hindi, ayadi sandhi ke udaharan बताने वाले है –
Ayadi Sandhi Ki Paribhasha-
अयादि संधि एक संधि का प्रकार है जो संधि का भेद स्वर संधि है और उसका भेद अयादी संधि होती है जिसकी परिभाषा इस प्रकार है –
जिस संधि में संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है अयादि संधि कहलाती है.
जैसे :-
ए + अ | अय् |
ऐ + अ | आय् |
ओ + अ | अव् |
औ + अ | आव् |
औ + इ | आव् |
ayadi sandhi ke udaharan – अयादि संधि के 20 उदाहरण –
- ने + अन : नयन (ए + अ = अय)
व्याख्या – उदाहरण में ए एवं अ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो ए एवं अ मिलकर अय बनाते हैं। ने एवं अन से मिलकर नयन बनता है.
- पो + इत्र : पवित्र (ओ + इ = आव)
व्याख्या – उदाहरण में ओ एवं इ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो ओ एवं इ मिलकर आव बनाते हैं। पो एवं इत्र से मिलकर पवित्र बनता है।
- नौ + इक : नाविक (औ + इ = आव)
व्याख्या – उदाहरण में औ एवं इ ये दोनों स्वर शब्दों में है। जब शब्दों की संधि की जाती है तो इन ही दोनों स्वरों के कारण शब्दों में परिवर्तन आता है। जब संधि होती है तो औ एवं इ मिलकर आव बनाते हैं। नौ एवं इक से मिलकर नाविक बनता है.
संधि विच्छेद | संधि | स्वर विच्छेद |
---|---|---|
पौ + अन | पावन | औ + अ = आव |
पौ + अक | पावक | औ + अ = आव |
पो + इत्र | पवित्र | ओ + इ = अवि |
पो + अन | पवन | ओ + अ = अव |
शे + अन | शयन | ए + अ = अय |
शै + अन | शायक | ऐ + अ = आय |
भो + अन | भवन | ओ + अ = अव |
भौ + उक | भावुक | औ + उ= आवु |
नौ + इक | नाविक | औ + इ = आवि |
ने + अन | नयन | ए + अ = अय |
चे + अन | चयन | ए + अ = अय |
गै + अक | गायक | ऐ + अ= आय |
गै + इका | गायिका | ऐ + इ = आयि |
नै + अक | नायक | ऐ + अ = आय |
अयादि संधि की परिभाषा संस्कृत में –
अब हम यंहा पर ayadi sandhi Ka paribhasha in sanskrit or ayadi sandhi ke udaharan in sanskrit में बताने वाले है.
अयादी संधि तब होती है जब प्रथम शब्द के अन्त में ए, ऐ, ओ तथा औ के बाद अ, इ आदि कोई स्वर आए तो ‘ए’ को अय्, ‘ऐ’ को आय्, ‘ओ’ को अव्, और ‘औ’ को आव् हो जाता है।
ayadi sandhi ka udaharan in sanskrit – Ayadi Sandhi Examples
- गै + अन्ति = गायन्ति
- भो + अनम् = भवनम्
- संचे + अः = संचयः
- दै + अकः = दायकः
- असौ + अयम् = असावयम्
- शे + अनम् = शयनम्
- नरौ + अवदताम् = नराववदताम्
- पो + इत्रम् = पवित्रम्
अयादि संधि का सूत्र संस्कृत में –
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FAQ–
अयादि संधि का उदाहरण क्या है?
‘अयादि स्वर संधि’ में ए, ऐ, उ, ओ, औ साथ अन्य स्वरों का मेल होने पर ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। नौ + इक’ में अयादि स्वर संधि है। नौ + इक = नाविक (औ + इ = अव), यहाँ ‘औ’ और ‘इ’ के मेल से ‘अव’ बना है।
अयादि स्वर संधि क्या है?
अयादि संधि एक प्रकार की स्वर संधि है। जब ‘ए’, ‘ऐ’, ‘ओ’ और ‘औ’ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ए’ का ‘अय्’, ‘ऐ’ का ‘आय्’, ‘ओ’ का ‘अव्’ और ‘औ’ का ‘आव्’ बन जाता है।
अयादि संधि का सूत्र क्या होता है?
अयादि संधि का सूत्र- एचोऽयवायावः । नियम – जब ए, ओ, ऐ, औ के बाद कोई स्वर आता है, तो वहाँ क्रमशः ए को अय्, ऐ को आय्, ओ को अव्, औ को आव् आदेश होता है। इसे अयादि सन्धि कहते हैं
निकर्ष-
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