Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit, अलंकार की परिभाषा Pdf

आज हम जानेगे की Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit |अलंकार की परिभाषा लिखिए और इससे जुडी जानकारी हिंदी में आपको हम इसमें बताने वाले है.

अलंकार का अर्थ-

अलंकार की परिभाषा

Alankar Ki Paribhasha-

आज हम जानेंगे की अलंकार क्या है, अलंकार किसे कहते है , अलंकार के प्रकार, alankar ke udaharan in hindi, alankar definition in hindi में नीचे आपको बताने वाले है.

जो यंत्र काव्य की सुंदरता बढ़ाते हैं, यानि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है ।
अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम + कार । यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण है’
अलंकार को अंग्रेजी में Figure of Speech कहते है |

अलंकार के संबंध में प्रथम काव्य शास्त्र ‘आचार्य दण्डी’ ने लिखा है- “काव्यशोभाकरान धर्मान अलंकरान प्रचक्ष्तें।” अर्थात् ‘काव्य के शोभा कारक (अथवा शोभा बढ़ाने वाले) धर्म ‘अलंकार’ है।

Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit, अलंकार की परिभाषा

Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit-

उदाहरण–

सोहत ओढ़ै पीत पट स्याम सलोने गात।

मनो नीलमनि सैल पर आतप परयो प्रभात।।

व्याख्या- श्रीकृष्ण के श्यामल शरीर पर पीताम्बर ऐसा लग रहा है मानो नीलम पर्वत पर प्रभाव काल की धूप शोभा पा रही हो।

हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग। लंका सगरी जरि गई,गए निशाचर भाग।।

व्याख्या- इसमें बताया गया है की हनुमान जी कि पूँछ में आग भी नहीं लगी कि इससे पहले ही सारी लंका जल गयी और राक्षस भाग गए जबकि ऐसा सम्भव नहीं है क्यूंकि बिना उनके पूँछ में आग लगे लंका नहीं जल सकती थी।

कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।-

व्याख्या- यंहा पर कनक शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार हुआ है। इसमें पहले कनक का अर्थ धतूरे से है और दूसरे का अर्थ स्वर्ण से।

माला फेरत जग गया, फिरा न मनका फेर। कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।

व्याख्या- यंहा पर हम मनका अर्थ माला और भावनाओं से है, एक ही शब्द के 2 बार प्रयोग हो रहा है और दोनों में अर्थ अलग अलग है।

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून
पानी गए न ऊबरे मोई मानस चून।

व्याख्या- यहाँ पानी शब्द का उपयोग हुआ है, जिसके तीन अलग अलग अर्थ निकलते हैं। जैसे कि – ’कान्ति’, ‘आत्मसम्मान’ और ‘जल’

ह बाँसुरी की धुनि कानि परे, कुल कानि हियो तजि भाजति है।

व्याख्या- यहाँ ‘कानि शब्द की दो बार आवृत्ति है। प्रथम ‘कानि’ का अर्थ ‘कान’ तथा दूसरे ‘कानि’ का अर्थ ‘मर्यादा’ है, अतः यमक अलंकार है।

अलंकार के प्रकार –

अलंकार तीन प्रकार के होते है-

अलंकार की परिभाषा

1-शब्दालंकार-

शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार , जिसके दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ । जिस अलंकार में शब्दों को प्रयोग करने से कोई चमत्कार हो जाता है और उन शब्दों की जगह पर समानार्थी शब्द को रखने से वो चमत्कार कहीं गायब हो जाता है तो ऐसी प्रक्रिया को शब्दालंकार कहा जाता है।

  • अनुप्रास
  • यमक
  • पुनरुक्ति
  • विप्सा
  • वक्रोक्ति
  • श्लेष

2-अर्थालंकार

जहाँ पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है ।

  • उपमा
  • रूपक
  • उत्प्रेक्षा
  • दृष्टांत
  • संदेह
  • अतिशयोक्ति
  • उपमेयोपमा
  • प्रतीप
  • अनन्यय
  • भ्रांतिमान
  • दीपक
  • अपह्ति
  • व्यक्तिरेक
  • विभावना
  • विशेषोक्ति
  • अथात्नरन्यास
  • उल्लेख
  • विरोधाभास
  • असंगति
  • मानवीकरण
  • अन्योक्ति
  • काव्यलिग
  • स्वभोक्ति
  • कारणमाला
  • पर्याय
  • समासोक्ति

3-उभयालंकार-

शब्दालंकार और अर्थालंकार के योग से बनने वाले अलंकर को उभयालंकार कहा जाता है | इसमें शब्द व अर्थ दोनों सम्मलित होते है |

  • संसृष्टि
  • संकर

अलंकार की परिभाषा Pdf-

alankar ki paribhasha pdf in hindi click here

यह भी पढ़े –

अलंकार की परिभाषा

श्लेष अलंकार परिभाषा उदाहरण सहित

उत्प्रेक्षा अलंकार परिभाषा उदाहरण सहित

उपमा अलंकार परिभाषा उदाहरण सहित

अनुप्रास अलंकार परिभाषा उदाहरण सहित

यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित

रूपक अलंकार परिभाषा उसके प्रकार उदाहारण सहित हिंदी में.

Manvikaran Alankar Paribhasha उदाहरण सहित

भ्रांतिमान अलंकार परिभाषा हिंदी में.

निकर्ष-

  • जैसा की आज हमने आपको Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit, अलंकार की परिभाषा जानकारी के बारे में आपको बताया है.
  • इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
  • यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
  • में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
  • यदि हमारे द्वारा प्रदान की सुचना और प्रक्रिया से लाभ हुआ होतो हमारे BLOG पर फिर से VISIT करे.

45 thoughts on “Alankar Ki Paribhasha Udaharan Sahit, अलंकार की परिभाषा Pdf”

Leave a Comment