आज हम जानेगे की Prakritik Ki Paribhasha in Hindi, प्राकृतिक संख्या की परिभाषा क्या है, प्राकृतिक संख्या के प्रकार, प्राकृतिक संख्या के सूत्र के बारे में आपको नीचे बताने वाले है.
अब हम जानेंगे की प्राकृतिक संख्या किसे कहते है, प्राकृतिक संख्या क्या होती है, प्राकृतिक संख्या की विशेषताएं, प्राकृतिक संख्याओ के उदाहरण के बारे में आपको बता रहे है.
Prakritik Sankhya Ki Paribhasha-
1 से शुरू होने वाली धनात्मक संख्याओं को अनन्त तक की सभी प्राकृतिक संख्या के रूप में जाना जाता है। इसे N द्वारा दर्शाया जाता है।
N = {1,2,3,4,5,…..,∞}
सभी धनात्मक पूर्णांक positive integers:- 1,2,34,5,6,7,8,9 ——-अनन्त
प्राकृतिक संख्याओं में शून्य, ऋणात्मक संख्याएँ, भिन्न या दशमलव शामिल नहीं हैं।
अर्ताथ-
प्राकृतिक संख्याएँ वे संख्याएँ हैं जो प्रकृति में पाई जाती हैं जो एक से प्रारंभ होती हैं और अनंत हैं इन संख्याओं में शून्य को नहीं माना जाता क्योंकि शुन्य प्राकृति का हिस्सा नहीं माना जाता।
यहाँ प्रकृति में भी कोई आधा, एक तिहाई, एक चौथाई या अन्य अंश आदि नहीं होते हैं उसी प्रकार प्रकृति में कभी आपने आधा पेड़ सुना है या आधा आदमी या औरत या एक तिहाई कुर्सी।
अर्ताथ-
प्राकृतिक संख्याओं के प्रकार-
- सम प्राकृतिक संख्या
- विषम प्राकृतिक संख्या
- अभाज्य प्राकृतिक संख्या
सम प्राकृतिक संख्या-
ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से विभाजित हो जाती है वे सम प्राकृतिक संख्या कहते है।
जैसे :- 2,4, 6, 8, 10, 12, 14 आदि।
विषम प्राकृतिक संख्या-
ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से विभाजित नहीं होती है वे विषम प्राकृतिक संख्या कहते है।
जैसे :- 3, 5, 7, 9, 11, 13, 15 आदि।
अभाज्य प्राकृतिक संख्या-
ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 1 से और स्वंय से विभाजित होती है वे अभाज्य प्राकृतिक संख्या कहते है।
जैसे :- 2, 3, 5, 7 आदि।
प्राकृतिक संख्याओं की विशेषताएं-
- सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या 1 है |
- सबसे बड़ी प्राकृत संख्या नहीं प्राप्त की जा सकती है ।
- कभी इसमे 0 भी सम्मिलित कर लिया जाता है.
- सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या 1 होती हैं।
- सबसे बड़ी प्राकृत संख्या अनन्त हैं।
- समुच्चय में 0 को प्राकृतिक संख्या माना जाता है।
- “प्राकृतिक संख्या” संख्या पद्धति का एक भाग हैं।
- प्राकृतिक संख्या को N द्वारा प्रदर्शित किया जाता है
प्राकृतिक संख्याओं के सूत्र-
प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसत | n |
प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसत | n + 1 |
प्राकृतिक संख्याओं का योग | (पहली संख्या + अंतिम संख्या / 2) × n |
प्रथम n प्राकृत संख्याओं का औसत | ( n + 1 ) / 2 |
लगातार n तक विषम प्राकृत संख्याओं का औसत | (n + 1) / 2 |
लगातार n तक विषम प्राकृत संख्या का योग | (n/2 + 1) |
प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग | n( n + 1 )( 2n + 1 ) / 6 |
प्रथम n प्राकृत संख्याओं के घनों का योग | [ n (n + 1) / 2 ]² |
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या / वर्ग अंतराल) +1 |
प्राकृतिक संख्यायें 1 से 100 तक –
1 | 2 | 3 | 4 | 5 |
6 | 7 | 8 | 9 | 10 |
11 | 12 | 13 | 14 | 15 |
16 | 17 | 18 | 19 | 20 |
21 | 22 | 23 | 24 | 25 |
26 | 27 | 28 | 29 | 30 |
31 | 32 | 33 | 34 | 35 |
36 | 37 | 38 | 39 | 40 |
41 | 42 | 43 | 44 | 45 |
46 | 47 | 48 | 49 | 50 |
51 | 52 | 53 | 54 | 55 |
56 | 57 | 58 | 59 | 60 |
61 | 62 | 63 | 64 | 65 |
66 | 67 | 68 | 69 | 70 |
71 | 72 | 73 | 74 | 75 |
76 | 77 | 78 | 79 | 80 |
81 | 82 | 83 | 84 | 85 |
86 | 87 | 88 | 89 | 90 |
91 | 92 | 93 | 94 | 95 |
96 | 97 | 98 | 99 | 100 |
यह भी पढ़े –
पूर्णांक संख्या की परिभाषा | शंकु की परिभाषा हिंदी में. |
बेलन की परिभाषा हिंदी में. | समबाहु त्रिभुज की परिभाषा हिंदी में. |
निकर्ष-
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