Shabd Alankar Ki Paribhasha, शब्दालंकार की परिभाषा

अब आपको हम Shabd Alankar Ki Paribhasha in Hindi, शब्दालंकार की परिभाषा, शब्द अंलकार के उदाहरण, शब्द अलंकार के प्रकार के बारे में आपको बताने वाले है.

आज हम जानेंगे की शब्द अलंकार क्या है, शब्द अलंकार किसे कहते है, Shabd Alankar Ke Udaharan In Hindi, Shabd Alankar Definition In Hindi में नीचे आपको बताने वाले है.

Shabd Alankar Ki Paribhasha

Shabd Alankar Ki Paribhasha-

शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार , जिसके दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ यानि ध्वनि के आधार पर शब्दालंकार की सृष्टी की जाती है । 

शब्दालंकार वह है जिस अलंकार का अस्तित्व और उसका सौंदर्य शब्द पर आधारित होता है उसे शब्द अलंकार कहते है.

अर्ताथ-

किसी काव्य में कोई विशेष शब्द रखने से सौन्दर्य आए और कोई पर्यायवाची शब्द रखने से लुप्त हो जाये तो यह शब्दालंकार कहलाता है।

शब्दालंकार के प्रकार

शब्दालंकार के प्रकार- 

शब्द अलंकार 3 प्रकार के होते है | 

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. यमक अलंकार
  3. शलेष अलंकार

1. अनुप्रास अलंकार

जहाँ पर किसी व्यंजन वर्ण की आवृत्ति होती है वहाँ पर अनुप्रास अलंकार होता है। आवृत्ति का अर्थ है दुहराना।”

जब किसी वर्ण की बार – बार आवर्ती हो तब जो चमत्कार होता है उसे अनुप्रास अलंकार कहते है।

जहां पर कोई अक्षर बार बार आये या उस वर्ण को बार बार दुहराया जाए वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है।

अनुप्रास अलंकार के प्रकार-

अनुप्रास अलंकार के पांच प्रकार होते हैं –

  1. छेकानुप्रास अलंकार
  2. वृत्यानुप्रास अलंकार
  3. लाटानुप्रास अलंकार
  4. अन्त्यानुप्रास अलंकार
  5. श्रुत्यानुप्रास अलंकार
लाटानुप्रास अलंकार-

लाट शब्द समूह को दर्शाता है। अतः जहां पर एक अर्थ व शब्द की आवृत्ति हो वहां लाटानुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण – 

  • पूत सपूत तो का धन संचय।
  • पूत कपूत तो का धन संचय।।
अन्त्यानुप्रास अलंकार-

जहाँ पर पंक्तियों या पदों के अंत एक समान के वर्ण से हों वहां पर अन्त्यानुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण – 

  • रघुपति राघव राजा राम।
  • पतित पावन सीता राम ।।
श्रुत्यानुप्रास अलंकार-

जहां पर एक ही वर्ग के अक्षर बार बार आएं तो उसे श्रुत्यानुप्रास अलंकार कहते हैं । यह अधिकतर पद्य रचनाओं में होता है।

उदाहरण – 

  • बंदऊं गुरु पद पदुम परागा।
  • सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥
छेकानुप्रास अलंकार-

जब एक से अधिक वर्णो की आवृत्ति होती है वहां पर छेकानुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण – 

  • बुझत स्याम कौन तू गोरी।
  • कहाँ रहत काकी है बेटी।।
वृत्यानुप्रास अलंकार-

जहां पर एक अक्षर की कई बार आवृत्ति हो वहां वृत्यानुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण :- 

  • मुदित महीपति मंदिर आये।
  • सेवक सचिव सुमंत बुलाये। ।

2. यमक अलंकार-

जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।
यमक अलंकार में एक ही शब्द का दो या दो अधिक बार प्रयोग होता है, लेकिन इन शब्दों के अर्थ अलग-अलग होते हैं।
तो जिस वाक्य में एक ही शब्द बार-बार आता है उसे यमक अलंकार कहते है
.

यमक अलंकार के प्रकार –

यमक अलंकार के दो भेद होते हैं-

अभंग पद यमक-

जब किसी भी शब्द को बिना तोड़े एक ही रूप में कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है तो वहां पर अभंग पद यमक माना जाता है।

सभंग पद यमक- 

जोड़-तोड़ कर एक जैसे वर्ण समूह (शब्द) की आवृत्ति होती है और उसे अलग-अलग अर्थों की प्रकृति होती है या निरर्थक होता है तो वहां पर सभंग पद यमक आता है।

3. श्लेष अलंकार –

जहाँ पर कोई एक शब्द एक ही बार आता है, लेकिन उस शब्द के अर्थ भिन्न-भिन्न निकलते है, तो वहाँ पर ‘श्लेष अलंकार’ होता है
जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।

उदाहरण सहित –

  • रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
  • पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।

इस उदाहरण में यहां तीसरे पानी शब्द के तीन अर्थ हैं। चमक, प्रतिष्ठा और जल। अतः यह श्लेष अलंकार का उदाहरण है।

श्लेष अलंकार के प्रकार –

श्लेष अलंकार को दो भागों में विभाजित किया गया है।

शब्द श्लेष-

जब एक ही शब्द का कई बार प्रयोग हो और दोनों के अर्थ में भिन्नता हो यो वहाँ शब्द श्लेष होता है।

जैसे –

  • खुले बाल, खिले बाल
  • चंदन को टीको लाल ।

यहां पर बाल शब्द दो बार आया है जिनमे से पहले का अर्थ है खुले हुए सिर के बाल और दूसरे का अर्थ है बालक । अर्थात यहां पर शब्द श्लेष अलंकार है।

अर्थ श्लेष-

जहाँ पर कोई शब्द एक बार आया हो परंतु उसके कई अर्थ निकलकर आ रहे हों वहां पर अर्थ श्लेष अलंकार की उपस्थिति होती है। जैसे –

जैसे – 

  • प्रियतम बतला दो लाल मेरा कहाँ है ?

यहाँ पर लाल शब्द के दो अर्थ हैं । पहला – पुत्र और दूसरा – रत्न । अतः यहाँ पर अनेकार्थ होने के कारण अर्थ श्लेष है।

अन्य अलंकर की परिभाषा भी पढ़े –

अलंकार की परिभाषावक्रोक्ति अलंकार
श्लेष अलंकारविरोधाभाष अलंकार
उत्प्रेक्षा अलंकारसंदेह अलंकार
पुनरुक्ति अलंकारअतिशयोक्ति अलंकार
उपमा अलंकारअनुप्रास अलंकार
यमक अलंकाररूपक अलंकार
मानवीकरण अलंकारभ्रांतिमान अलंकार
विभावना अलंकाररस की परिभाषा उदाहरण सहित

निकर्ष-

जैसा की आज हमने आपको Shabd Alankar Ki Paribhasha, शब्दालंकार की परिभाषा के बारे में आपको बताया है.

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