Yamak Alankar Ki Paribhasha, यमक अलंकार की परिभाषा

आज हम जानेगे की Yamak Alankar Ki Paribhasha, यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित, yamak alankar ke udaharan हिंदी में आपको हम इसमें बताने वाले है.

आज हम जानेगे की यमक अलंकार का अर्थ, यमक अलंकार किसे कहते है, definition of yamak alankar in hindi के बारे में बताने वाले है-

Yamak Alankar Ki Paribhasha-

जिस काव्य में एक ही शब्द की आवृति बार बार हो और हर बार उस अर्थों की आवृत्ति भी भिन्न भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

अर्ताथ –

यमक अलंकार में एक ही शब्द का दो या दो अधिक बार प्रयोग होता है, लेकिन इन शब्दों के अर्थ अलग-अलग होते हैं उसे यमक अलंकार कहते है.

जैसे–
कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।

व्याख्या- इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे कनक का अर्थ-धतूरा है जिसमे धतूरा खाने से नशा होता है और दूसरा सोना पाने से धन संपत्ति का नशा होता है.

यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित
Yamak Alankar Ki Paribhasha

यमक अलंकार के प्रकार –

यमक अलंकार के दो भेद होते हैं-

1- अभंग पद यमक- जब किसी भी शब्द को बिना तोड़े एक ही रूप में कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है तो वहां पर अभंग पद यमक माना जाता है।

2- सभंग पद यमक- जोड़-तोड़ कर एक जैसे वर्ण समूह (शब्द) की आवृत्ति होती है और उसे अलग-अलग अर्थों की प्रकृति होती है या निरर्थक होता है तो वहां पर सभंग पद यमक आता है।

yamak alankar ka udaharan

यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित- yamak alankar ke udaharan –

नीचे अब हम आपको yamak alankar easy example in hindi , यमक अलंकार अलंकार के सरल उदाहरण बताने वाले है-

उदाहरण –

पक्षी परछीने ऐसे पर पर छीने बीर
तेरी बरछी ने बर छीने हैं खलन के

उदाहरण –

जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं।

उदाहरण –

सारंग नयन बयन पुनि सारंग सारंग तसु सन्धाने ।
सारंग उपर उगल दुर्ड सारंग केलि करिए मधुपाने।।

उदाहरण –

तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती हैं।

तेलनि तुलनि पूछ जरि, जरी लंक जराई जरी-

उदाहरण –

पाकर वह एक धोती, प्रतिदिन उसे धोती ।

ऊँचे घोर मन्‍दर के अन्‍दर रहन वारी।

उदाहरण –

माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर ।।

उदाहरण –

पास ही रे हीरे की खान,

खोजता कहां और नादान

उदाहरण –

सजना है मुझे, सजना के लिए ।

उदाहरण –

तब हार पहार से लागत है,

उदाहरण –

अब आनि के बीच पहार परे-

उदाहरण –
वहै शब्द पुनि पुनि परै, अर्थ भिन्न ही भिन्न

उदाहरण –
पत्ते पत्ते में तुमको देख लिया
डाली-डाली में जब नज़र डाली ।

उदाहरण –

लहर-लहर कर यदि चूमे तो, किंचित विचलित मत होना-

उदाहरण –
लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल ।

उदाहरण –
किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खींचीं।
फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मींचीं।।

उदाहरण –

तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।
तू मोहन के उर बसी हे उरबसी सामान।।

उदाहरण –

माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर ।।

उदाहरण –

बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैं न
हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन ।

उदाहरण –

किसी सोच में हो विभोर सॉंसें कुछ ठंडी खिंची।
फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों ऑंखें मिंची।।

उदाहरण –

केकी रव की नुपुर ध्‍वनि सुन,
जागती जगती की मूक प्‍यास।

उदाहरण –

खग-कुल कुल-कुल सा बोल रहा ।

कहै कवि बेनी बेनी ब्‍याल की चुराई लीनी

उदाहरण –

ऊधौ जोग जोग हम नाहीं ।

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दृष्टान्त अलंकार पुनरुक्ति अलंकार
असंगति अलंकारविभावना अलंकार
भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषामानवीकरण अलंकार की परिभाषा

निकर्ष-

जैसा की आज हमने आपको Yamak Alankar Ki Paribhasha, यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित जानकारी के बारे में आपको बताया है.

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