आज हम जानेगे की Samas Ki Paribhasha, समास की परिभाषा उदाहरण सहित, Samas Ke Bhed, समास किसे कहते है, Samas Ke Udaharan के बारे में आपको बताने वाले है.
अब हम आपको Samas kise kehte hai, samas kya hota hai, definition of samas in hindi, समास का अर्थ, समास के प्रकार के बताने वाले है –
Samas Ki Paribhasha-
जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक सार्थक शब्द को समास कहते हैं।
समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिन्दी में कम-से-कम शब्दों मे अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है उसे समास कहते है.
सामासिक शब्द –
समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है इसे समस्तपद भी कहते हैं समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं.
जैसे- रसोईघर
समास-विग्रह –
सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है.
जैसे- वन-गमन – वन + गमन
पूर्वपद और उत्तरपद-
समास में दो पद (शब्द) होते हैं पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं।
जैसे-गंगाजल- इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है।
samas ke udaharan – समास के 50 उदाहरण
समास के प्रकार- Samas Ke Bhed-
समासों के परम्परागत छ: प्रकार हैं –
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- द्विगु समास
- द्वन्द्व समास
- कर्मधारय समास
- बहुव्रीहि समास
1-अव्ययीभाव समास–
जिस समास का पहला पद (पूर्व पद) प्रधान हो और दूसरा पद अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
यदि एक शब्द की पुनरावृत्ति हो और दोनों शब्द मिलकर अव्यय की तरह प्रयोग हों, वहाँ पर अव्ययीभाव समास होता है।
संस्कृत में उपसर्ग युक्त पद भी अव्ययीभाव समास ही मने जाते हैं।
पहला पद उपसर्ग होता है जैसे अ, आ, अनु, प्रति, हर, भर, नि, निर, यथा, यावत आदि उपसर्ग शब्द का बोध होता है।
जैसे – यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर) इनमें यथा और आ अव्यय हैं।
अन्य उदाहरण –
- आजीवन – जीवन-भर
- यथासामर्थ्य – सामर्थ्य के अनुसार
- यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार
- यथाविधि- विधि के अनुसार
- यथाक्रम – क्रम के अनुसार
- भरपेट- पेट भरकर
- हररोज़ – रोज़-रोज़
- हाथोंहाथ – हाथ ही हाथ में
- रातोंरात – रात ही रात में
- प्रतिदिन – प्रत्येक दिन
- बेशक – शक के बिना
- निडर – डर के बिना
- निस्संदेह – संदेह के बिना
- प्रतिवर्ष – हर वर्ष
2- तत्पुरुष समास–
जिस समस्त पद का उत्तर पद प्रधान होता है अर्थात दूसरा शब्द प्रधान होता है वहां तत्पुरुष समास माना जाता हैं।
उदाहरण :-
- देश के लिए भक्ति = देशभक्ति
- राजा का पुत्र = राजपुत्र
- राह के लिए खर्च = राहखर्च
- राजा का महल = राजमहल
तत्पुरुष समास के भेद-
तत्पुरुष समास के 6 भेद होते है।
- कर्म तत्पुरुष
- करण तत्पुरुष
- सम्प्रदान तत्पुरुष
- अपादान तत्पुरुष
- सम्बन्ध तत्पुरुष
- अधिकरण तत्पुरुष
(i). कर्म तत्पुरुष (को) –
इसमें दो पदों के बीच में कर्मकारक छिपा हुआ होता है। कर्मकारक का चिन्ह ‘को’ होता है। ‘को’ को कर्मकारक की विभक्ति भी कहा जाता है।
- वन-गमन – वन को गमन
- जेबकतरा – जेब को कतरने वाला
- अग्निभक्षी – अग्नि को भक्षित करने वाला
- गगनचुंबी – गगन को चूमने वाला
(ii). करण तत्पुरुष (से/द्वारा/के द्वारा) –
इसमें दो पदों के बीच करण कारक छिपा होता है। करण कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘के द्वारा’और ‘से’होता है।
- भूमिहीन – भूमि से रहित
- रोगमुक्त – रोग से मुक्त
- दयाद्र – दया से आद्र
- रत्न जड़ित – रत्नों से जड़ित
- रोगग्रस्त – रोग से ग्रस्त
- ज्ञानयुक्त – ज्ञान से युक्त
- तुलसीकृत – तुलसी के द्वारा कृत
- श्रमजीवी – श्रम से जीवित रहने वाला
(iii) सम्प्रदान तत्पुरुष –
इसमें दो पदों के बीच सम्प्रदान कारक छिपा होता है सम्प्रदान कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘के लिए’होती है उसे सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण –
- पाठशाला → पाठ के लिए शाला
- स्नानघर → स्नान के लिए घर
- रसोईघर → रसोई के लिए घर
(iii). अपादान तत्पुरुष (से पृथक्) –
इसमें दो पदों के बीच सम्प्रदान कारक छिपा होता है सम्प्रदान कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘के लिए’होती है उसे सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
- पदच्युत – पद से च्युत
- मार्ग भ्रष्ट – मार्ग से भ्रष्ट
- देश निकाला – देश से निकाला
- कामचोर – काम से जी चुराने वाला
- नेत्रहीन – नेत्रों से हीन
- ऋणमुक्त – ऋण से मुक्त
(iv). संबंध तत्पुरुष (का/के/की) –
जिस तत्पुरुष समास में ‘का’, ‘की’, के विभक्ति का लोप हो, उसे सम्बन्ध तत्पुरुष समास कहते हैं।
- मंत्रिपरिषद् – मंत्रियों की परिषद्
- राजमाता – राजा की माता
- देशभक्त – देश का भक्त
- रामचरित – राम का चरित्र
- देशभक्ति – देश के लिए भक्ति
- वनमाली – वन का माली
(v). अधिकरण तत्पुरुष (में/पे/पर) –
जिस तत्पुरुष समास में ‘में’, ‘पर’ विभक्ति का लोप हो, उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
- दानवीर – दान देने में वीर
- घुड़सवार – घोड़े पर सवार
- जीवदया – जीवो पर दया
- वनवास – वन में वास
- घुड़सवार – घोड़े पर सवार
- शिलालेख – शिला पर लेख
3-कर्मधारय समास-
जिस समास का उत्तरपद प्रधान होता है, जिसके लिंग, वचन भी सामान होते हैं जो समास में विशेषण-विशेष्य और उपमेय-उपमान से मिलकर बनते हैं, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
कर्मधारय समास में व्यक्ति, वस्तु आदि की विशेषता का बोध होता है कर्मधारय समास के विग्रह में ‘है जो, ‘के समान है जो’ तथा ‘रूपी’शब्दों का प्रयोग होता है।
उदाहरण–
- दहीवड़ा – दही में डूबा बड़ा – (विशेषता)
- गुरुदेव – गुरु रूपी देव – (विशेषता)
- चरण कमल – कमल के समान चरण – (विशेषता)
- नील गगन – नीला है जो असमान – (विशेषता)
4-द्वन्द्व समास–
जिस शब्द के दोनों पद प्रधान हो और विग्रह करने पर और, एवं, या, अथवा शब्द लगता है उसे द्वन्द्व समास कहते हैं.
उदाहरण :–
- जलवायु = जल और वायु
- पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
- राधा-कृष्ण = राधा और कृष्ण
- नर-नारी = नर और नारी
- गुण-दोष = गुण और दोष
- अमीर-गरीब = अमीर और गरीब
- अपना-पराया = अपना या पराया
- अन्न-जल = अन्न और जल
- देश-विदेश = देश और विदेश
5-द्विगु समास–
द्विगु समास में पूर्वपद संख्यावाचक होता है और कभी-कभी उत्तरपद भी संख्यावाचक होता हुआ देखा जा सकता है।
इस समास में प्रयुक्त संख्या किसी समूह को दर्शाती है किसी अर्थ को नहीं इससे समूह और समाहार का बोध होता है उसे द्विगु समास कहते हैं।
उदाहरण–
- नवग्रह = नौ ग्रहों का समूह
- दोपहर = दो पहरों का समाहार
- त्रिवेणी = तीन वेणियों का समूह
- पंचतन्त्र = पांच तंत्रों का समूह
- त्रिलोक = तीन लोकों का समाहार
- शताब्दी = सौ अब्दों का समूह
- सप्तऋषि = सात ऋषियों का समूह
- त्रिकोण = तीन कोणों का समाहार
- सप्ताह = सात दिनों का समूह
- तिरंगा = तीन रंगों का समूह
- चतुर्वेद = चार वेदों का समाहार
6-बहुव्रीहि समास-
बहुव्रीहि समास ऐसा समास होता है जिसके समस्त्पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।
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निकर्ष-
जैसा की आज हमने आपको Samas Ki Paribhasha, समास की परिभाषा, samas ke udaharan के बारे में आपको बताया है.
इसकी सारी प्रोसेस स्टेप बाई स्टेप बताई है उसे आप फोलो करते जाओ निश्चित ही आपकी समस्या का समाधान होगा.
यदि फिर भी कोई संदेह रह जाता है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर सकते और पूछ सकते की केसे क्या करना है.
में निश्चित ही आपकी पूरी समस्या का समाधान निकालूँगा और आपको हमारा द्वारा प्रदान की गयी जानकरी आपको अच्छी लगी होतो फिर आपको इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है.
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